अदृश्य करोना से जंग


आशुतोष, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

अदृश्य करोना से

जंग का ऐलान है बंदी

यह आपके हमारे और भविष्य

की सलामती का पैगाम है बंदी।

 

जानलेवा जीवाणु करोना

संसार को सिखाए रोना

इसके प्रकोप का असर से

बंद पडा संसार का हर कोना।

 

इतिहास हमें सिखाती थी

हर चीज से दूरी बनाना

हम इन्सानो की मति मारी

अब आये हाथ केवल रोना।

 

पूर्वजों की विरासत संस्कृति

क्षत विक्षत हमने ही किया

जानवरो को वेघर हमने ही किया

आये जब संपर्क में बना कोरोना।

 

दूर होते अपनो को

देख रहा हूँ ऑखो से

घुट घुट कर मर रहे

इस रोग कोरोना से।

 

लाकडाउन है फिर भी कहाँ

थम रहा न यह मौत का शोर

जगह जगह फैल रहा

यह कैसा कोरोना रोग।

 

हो सकता यह लंबी लडाई

धैर्य तो रखना ही होगा

आये लाख मुसीबते मगर

इस जंग को लडना होगा।

 

जीत उसी की होती है

जो अंत समय तक लड़ते

यह युद्ध वेशक अदृश्य है

लेकिन आओ साथ साथ हम लड़ते।

 

  पटना बिहार

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