राजेश सारस्वत, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
खुदा के घर अब कोई आता जाता नहीं
खुदा भी क्या अब घर आता जाता नहीं
लगती थी कतारे दर पर खुदा के हमेशा
डर है उसे भी जो कहता था भय खाता नहीं
है एक दानव आया इस धरा पर अबके
मारने पर वृद्ध बच्चों से कभी शरमाता नहीं
लगे हैं समझने सभी घर उस खुदा का
क्या पांव नहीं के जो सब जगह जाता नहीं
दिल है के रखिये सफाई दिल में सदा अब
जात धर्म देख कर संकट कभी आता नहीं
बैठा हूँ मैं इंतजार में देखने अवतार उसका
मरूंगा क्या जब तक वो धरा पर आता नहीं
शिमला, हिमाचल प्रदेश
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