कोरोना के खिलाफ जंग में कांग्रेस नेतृत्व अभी तक देख रहे हैं, देखा है और देखेंगे से आगे नहीं बढ़ पाया, अभी ढ़ो रहे शिकायतों का पुलिंदा


हवलेश कुमार पटेल, शिक्षा वाहिनी समाचारपत्र।


ऐसे में जब पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए जी-तोड़ कोशिश में लगा है और जो जहां भी है, जिस भी हालत में है, पीड़ितों की मदद करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन कांग्रेस है कि उसकी शिकायतों का पुलिंदा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। कभी कांग्रेस आलाकमान प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर लाॅकडाउन के तरीके पर सवाल खडा करती हैं, तो कभी कांग्रेस के युवराज कहे जाने वाले राहुल गांधी लाॅकडाउन को लेकर पीएम को सवालों के घेरे में खड़ा करने की नाकाम कोशिश करते हैं, लेकिन अभी तक कांग्रेस को इस बात की सुध नहीं आयी कि वे कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए अन्य की तरह आगे आते। हां एक बार कांग्रेस महासचिव प्रिंयका गांधी ने एक संदेश जारी करके सैकड़ो-हजारों मील पैदल अपने घरों को जाने वाले लोगों से जरूर कहा था कि उन्हें यूपी में जब किसी चीज की जरूरत हो तो वे वहां के कांग्रेस नेताओं से सम्पर्क कर लें, वे उनकी मदद अवश्य करेंगे। 
अब भला प्रियंका जी से कोई पूछे कि जो लोग सैकड़ों-हजारों मील पैदल अपने घरों को जाने के लिए मजबूर हो रहे हों, उन लोगों तक अपने एयरकंडीशन घर, दफ्तर या गाड़ी में बैठकर दिया गया संदेश उन लोगों तक कैसे पहुंचेगा और कैसे उन्हें पता होगा कि वे किस स्थान पर किस कांग्रेसी नेता से मदद की गुहार लगायेंगे। शायद कांग्रेस आलाकमान की ऐसी ही सोच और ऐसी की कार्यशैली का नतीजा है कि आज पार्टी इतने बुरे दिनों को झेल रही है। अब उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पत्रकारों को मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराने का निवेदन किया है, जबकि कई राजनेता और समाजसेवी पत्रकारों के लिए अपनी निधि में लाखों का अनुदान देने की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन किसी कांग्रेसी विधायक और सांसद का ध्यान शायद इस ओर नहीं गया है या शायद उनके आकाओं ने उन्हें मदद करने से रोक रखा है।
इतना ही नहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा पीएम को लिखे गये पत्र की वजह से पत्रकार संगठनों का गुस्सा भी मुखर होने लगा है। हरियाणा जर्नलिस्ट ऑफ यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि सरकार को लिखे सोनिया गांधी के पत्र की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। कोरोना वायरस की इस जंग में मीडिया कर्मी भी फ्रंट पर काम कर रहे हैं। इनकी भी एक करोड़ की बीमा होनी चाहिए। 
 ऑल इंडिया नेशनल जर्नलिस्ट वेलफेयर बोर्ड उड़ीसा सनत मिश्रा ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का पीएमओ को लिखा गया पत्र हताशा का प्रमाण है। उनके लिखने से सरकार निर्णय नहीं बदल देगी ,अगर वह पत्रकारों की हित की बात करते तो कुछ बात भी होती कोरोना वायरस लॉक डाउन के दौरान पत्रकार पूरी तरह से चैथे स्तंभ की भूमिका निभा रही है। इस स्थिति में सरकार को डॉक्टरों पुलिस पदाधिकारियों और सफाई कर्मियों की तरह बीमा कराना चाहिए।
जानकारों की मानें तो कोरोना महामारी को झेलते हुए देश को लगभग एक माह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व अभी तक देख रहे हैं, देखा है और देखेंगे से आगे नहीं बढ़ पाया है।


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