राज शर्मा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
रणनीति से हमारा अभिप्राय है किसी भी आपदा से निपटने के लिए योजनाबद्ध तरीका अपनाना। वर्तमान में कोरोना के प्रचण्ड वायरस ने समस्त विश्व में भयानक त्रासदी को अंजाम दिया है। कोरोना वायरस जहां असंख्य लोगों को काल का ग्रास बना चुका है वहीं मानव जीवन पर भी गहरे घाव दे गया है। देश के साथ साथ विश्व की विकास दर पर भी प्रतिबंध लग चुका है । आम जन तो इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
ऐसे में कोरोना की भयानक महामारी से निपटने के लिए विशेष रणनीति बनाने की तैयारी में सब जुटे हुए हैं। भारत सरकार ने 3 मई तक लॉकडाउन लगा कर सब स्थानों को सील कर दिया है। धरती पर जीते जागते भगवान अर्थात डाक्टर, नर्से, महामारी से ग्रस्त लोगों का इलाज दिनरात कर रहे हैं। इस मुसीबत की घड़ी में हर कोई फरिश्ते के रूप में कार्य कर रहा हैं ।
जो लोग दिहाड़ीदार है और जिनको आय दिन के हिसाब से प्राप्त होती है सरकार इन दिनों उन लोगों के साथ हाथ से हाथ मिलाकर खड़ी रहे ।
इन दिनों देश के कुछ क्षेत्रों की पुलिस भी बहुत अच्छा कार्य करके मानवता दर्शा कर सरकार की मदद कर रही है।
एक जुटता से इस महामारी से लड़ना होगा। सबसे पहले सरकार एवं स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना होगा । सरकार का सहयोग करें । जब पूरा देश एकता के सूत्र में बंधेगा तो जीत अवश्य हमारी ही होगी। जो रणनीति सरकार एवं स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा बनाई गई है उन सबका पालन करके अपना कर्तव्य देश के प्रति निभाना होगा ।
3 मई को जब लॉकडाउन हट जाएगा तब ऐसा मत सोचना की अब हम आज़ाद हो गए । उसके बाद भी कुछ सप्ताह महीनों तक समस्या हटेगी नहीं और न ही कोरोना महामारी का प्रभाव कम होने वाला है । हम सबकी यही रणनीति रहेगी कि आने वाले कुछ महीनों में बचाव के जो निर्देश हमें हमारे डॉक्टरों द्वारा दिए गए हैं उनका पालन करके,कुछ महीनों तक समाजिक दूरी बनाए रखे और जहां भी रहे सुरक्षित रहे।
संस्कृति संरक्षक, आनी (कुल्लू) हिमाचल प्रदेश