कोरोना योद्धा


उमा ठाकुर, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

माँ  भारती पुकारती  

वीर तुम डटे रहो

हाथ जोड़े खड़ा वो महापुरुष 

संकल्प जीत का ठान रूके रहो ।

 

न लांघों लक्ष्मण रेखा 

कुछ दिन बस यूं ही

बहला लो मन घर आँगन में

ठहरे इस पल को तुम गवांओ न ।

 

माता पिता की चरण धूली से

कर लो वंदन बारम्बार

सात समंदर की दूरियां समेट

लौटा दो उन्हें,

उनके  हिस्से की धूप ।

 

शून्य से उभर तुम

 नवांकुर बन जाओगे

क्या खोया कहां चूके इस दौड़ में

आत्मसात सब कर पाओगे ।

 

करोड़ों का दान न सही

वैशविक आपदा के 

महाकुंभ में

तुम्हारा 21दिन, 504 घंटे, 30240 मिनट,

1814400 पलों का महादान क्या कम है ।

 

क्या हुआ जो सुर्खियां अखबारों की 

न्यूज़ चैनल की हैडलाइन 

तुम नहीं फिर भी,

 गुमनाम नहीं कोरोना योद्धा तुम कहलाओगे 1

 

आयुष साहित्य सदन, पंथाघाटी शिमला

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