शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने सरकार से मांग की है कि ऑनलाइन व्यापार को 15 मई तक प्रतिबंधित किया जाए तथा लॉक डाउन अवधि में व्यापार बंद होने के बावजूद छोटे मध्यम व्यापारियों ने अपने कर्मचारियों को अपने परिवार की तरह वेतन और सुविधाएं दी जायें तथा मकान मालिकों को किराया भी दिया जाये।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने सरकार से मांग की है कि बंद अवधि का बिजली बिल भी शासन द्वारा अब तक माफ़ नहीं किया गया है, उपरोक्त खर्चों से वे पहले ही अपने परिवार के पालन पोषण को लेकर संकट से गुजर रहे हैं। ऐसे में लॉक डाउन समाप्त होने के बाद अगले कुछ माह में उन्हें आर्थिक संकट से उबरने की उम्मीद है, लेकिन यदि इलेक्ट्रॉनिक, कपड़ा इत्यादि ऑनलाइन बिजनेस को पहले खोल दिया गया तो देश के लाखों व्यापारियों की आर्थिक बर्बादी लगभग तय है।
व्यापार मंडल ने मांग की है कि केंद्र सरकार अपने पालक होने का धर्म निभाए और 15 मई तक ऑनलाइन व्यापार को प्रतिबंधित करे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष रविप्रकाश अग्रवाल ने याद दिलाया है कि देश में महामारी के संकट में संक्रमण के खतरे को जानते हुए भी देश के छोटे मध्यम किराना, सब्जी फल व्यापारियों ने दुकानें खोलकर जनता को सेवाएं दी है। यही नहीं कई बार उन्हें अनावश्यक कुछ पुलिस कर्मियों से परेशान भी होना पड़ा, तब भी उन्होंने सेवाएं जारी रखी, जबकि ऑनलाइन व्यापार की कंपनियों ने पलायन कर रखा था।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री मुकुल अग्रवाल व वरिष्ठ संगठन प्रदेश मंत्री अशोक बाठला ने देश के समस्त व्यापारिक संगठनों से अपील की है कि सभी केंद्र सरकार से उपरोक्त मांग करें।
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