मृत्यु का अट्टहास


राजीव डोगरा 'विमल' शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।


वक़्त संहार का हैं
पापियों का विनाश हैं,
क्यों दुआ करु की
सब रुक जाए,
किये हैं जो दुष्कर्म
मानव भी तो उनका
फल पाए।
जी रहे थे जो
अब तक
अपने वक़्त पर
घमंड कर।
उनको भी तो
मृत्यु का अहसास आए।
ईश्वर के नाम पर
किये जो बुरे कर्म
मरते-मरते उनका भी तो
हिसाब दिए जाए।
अभी तो और
अट्टहास करेगी मृत्यु
वक़्त है अभी भी
मानव तू सुधार जा
नही तो महाविनाश
अभी भी जारी है।


युवा कवि लेखक कांगड़ा
भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा हिमाचल प्रदेश
9876777233
7009313259



 


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