आईएएस सेल्वा कुमारी जयाराजन! कभी देखी है ऐसी अफसर


हवलेश कुमार पटेल, शिक्षा वाहिनी समाचारपत्र।


मुजफ्फरनगर की जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जयाराजन को देखकर लगता है कि अब उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी बदल रही है। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली अब अफसरों को भाने लगी है। जिस तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की दिनचर्या प्रातः चार बजे से आरम्भ होकर देर रात तक बिना रूके, बिना थके चलती रहती है, उसी तरह ही डीएम सेल्वा कुमारी जयाराजन की गतिविधियां भी सुबह जल्दी आरम्भ होकर देर सांय तक बिना रूके, बिना थके चलती ही रहती हैं।



जानकारों की मानें तो अब तक लोगों की आम धारणा थी कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का जनपद मुजफ्फरनगर सरकारी अफसरों का पंसदीदा है और यहां आकर अधिकारी मौजमस्ती ही करते हैं, लेकिन वर्तमान हालात वास्तविकता की कुछ ओर ही तस्वीर बयां करते हैं। जनपद में क्षेत्रीय विधायकों सहित तीन-तीन प्रदेश के मंत्रियों व एक केन्द्रीय मंत्री को संतुष्ट कर पाना किसी भी अफसर के लिए कितना मुश्किल होता होगा, ये शायद जनपद में तैनात अफसर ही जानते होंगे या फिर जनपद में दखल रखने वाले मंत्रिगण। बात ये कहकर ही खत्म की जा सकती है कि कब्र का हाल मुर्दा ही जानता है। सभी को उनके ओहदे के अनुसार प्रोटोकाॅल देने के साथ ही उन्हें संतुष्ट करना कोई मामूली बात नहीं हो सकती। इस पर भी जिलाधिकारी खुद को मुख्यमंत्री के प्रति जवाबदेह मानकर इस तरह कार्य को अंजाम दे रही हैं कि सबकी बोलती बंद है।



जानकारों की मानें तो जनपद के कुछ अफसर इस बात से हैरान-परेशान हैं कि जिलाधिकारी ने उन्हें ऐसे-ऐसे गांव के दर्शन करा दिये हैं, जहां जनपद स्तरीय अधिकारी तो दूर तहसील व ब्लाॅक स्तर के अधिकारी भी जाना पसंद नहीं करते। और तो और वहां तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव सहित लेखपाल भी बस खाना-पूर्ति करने के लिए ही आवागमन करते हैं, लेकिन बात जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जयाराजन की करें तो वे मनरेगा के तहत कराये जा रहे कार्यों का निरीक्षण करने तपती धूप में खुद ही खेतों के बीच नदी-नालों व तालाबों तक जा धमकती हैं। कई बार तो वे जब गेहूं की थ्रेसिंग के समय खेतों में पहुंच गयी तो किसान व मजदूर उन्हें देखकर दंग रह गये, क्योंकि सभी जानते हैं कि गेहूं की थ्रेसिंग के समय खेतों में तपती गर्मी के धूल का ऐसा गुब्बार छाया रहता है कि अच्छे-अच्छों के होश फाख्ता हो जाते हैं। इसके साथ ही जनपद में कांवड़ यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराना हो या कोविड़ 19 के कारण लाॅकडाउन में विकट परिस्थितियों से निपटना हो। कांवड़ व कोविड़ 19 के दौरान जुमे की नमाज का मामला हो या सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कराने की बात हो, सेल्वा कुमारी जयाराजन हर मोर्चे पर खरी उतरी हैं। 



जिलाधिकारी ने कई बार जनपद में अनायास ही फैली अफवाहों पर अंकुश लगाने के लिए आमजन से रूबरू होकर वास्तविकता से अवगत कराया है, जिसकारण लोगों में भ्रान्ति फैलने से बच गयी। उन्होंने जनपद वासियों से खुद को ट्वीटर, प्रिंट मीडिया व सोशल मीडिया आदि के जरिए जोड़े रखा है और मामला चाहें कोरोना प्रभावितों का या कोई और, स्थिति को हमेशा पब्लिक से शेयर किया है।



सूत्रों के अनुसार सकारात्मकता उनका सबसे सबल पक्ष है। इसी के बल पर वे तीन विधायकों व चार मंत्रियों के प्रभाव वाले जनपद की व्यवस्था को अच्छी तरह सम्भाल रही हैं। अब तो पहले-पहल उनके विरोध में उतरे कुछ लोग भी कहने लगे हैं कि कही देखी ऐसी अफसर..........?


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