डाॅ दशरथ मसानिया, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
अटल बितरी आपका, करता जग सम्मान।
मर्यादा संविधान की, कहते कवी मसान।।
जय जय जय जय अटल बिहारी।
राजनीति भी तुमसे हारी। 1
पच्चीस दिस चौबिसा आई।
अटल बिहारी जन्में भाई। 2
कृष्णादेवी कृष्ण बिहारी।
मात पिता थे धरमाचारी। 3
सीधे सादे जनक तुम्हारे।
जो शिक्षक थे सबसे न्यारे। 4
बडनगरी भी आप बिताई।
पंचम दर्जा शिक्षा आई। 5
ग्वालियर भी विद्या धारी।
जग में आये अटल बिहारी। 6
कानपुरी उच शिक्षा पाई।
ता पीछे लखनउ भी जाई। 7
कविता साहित्य खूब रचाये।
दीन दुखिन को गले लगाये। 8
भाषण व्यंग्य कविता गाई।
हिन्दी भाषा मुकुट बनाई। 9
राष्ट्रसंघ में भाषण दीना।
सारे जग ने हिन्दी चीगा। 10
गुरु गोलकर संगति पाई।
प्रचारक आप बने सुखदाई। 11
भारत छोड़ अभियान भाई।
सन् बैयालिस जेल बिताई। 13
पर उपकारी सेवा देशा।
ब्रह्माचारी रहे हमेशा। 12
सन सत्तावन संसद आये।
सत्ता दल के भी मन भाये। 13
भारत रत्न के तुम अधिकारी।
अटल बिहारी अटल बिहारी। 14
हिन्दू मुस्लिम के तुम प्यारे।
राजनीति में सबसे न्यारे। 15
वासुदेव कुटुम्ब अपनाई।
गांधी गौतम जन की नाई। 16
लोकतंत्र के तुम रखवारे।
न्याय धरम से काज संवारे। 17
श्याम मुखर्जी दीनदयाला।
जनसंघ गुरुअटल की शाला। 18
सन अस्सी भाजपा बनाई।
मुखिया आप बने थेभाई। 19
संसद मंदिर जैसा भाया।
जन-गण-मण को भजन बनाया। 20
पाँच दशक संसद बतराये।
भाषण में ठहके लगवाये। 21
भारत माता के हितकारी।
सादा जीवन उच्च विचारी। 22
तेरह दिन फिर तेरह महिना।
फिर सरकार स्थाई कीना। 23
सत्य मार्ग से राज चलाया।
झूठ कपट को दूर हटाया। 24
परमाणु से शक्ति दिखलाई।
सारे जग में धाक जमाई।।25
दिल्ली लाहोर बस चलवाई।
कारगिल भी आप जिताई। 26
किसानो की पीड़ा जानी।
क्रेडिट कार्ड जगत बखानी। 27
गाँव गाँव सड़कें बनवाई।
पानी बिजली घर-घर आई। 28
सर्व शिक्षा अभियान चलाई।
ज्ञान दीप का ज्योति जलाई। 29
बरस तराणू जीवन जीया।
जीवनभर विष प्याला पीया। 30
बेटी बेटी सब जग गाता।
बेटी के तुम सच्चे ताता। 31
बेटी बचाई बेटी पढाई।
बिटिया को ही गले लगाई। 32
नारी शक्ति को पहिचाना।
नमिता नंदिता बेटी माना। 33
देश धरम का पाठ पढाया।
मिसाइल मैन साथ निभाया। 34
सन् इकहत्तर बंग लडाई।
इन्दिरा को दुर्गा बतलाई। 35
संविधान की बोले भाषा।
सारे मानव करते आशा। 36
सोलह आठा सन् अट्ठारा।
डूबा सूरज गया उजारा। 38
बेटी नमिता अग्नी दीनी।
अस्थी गंगा डुबकी लीनी। 39
नम आँखों से विदा तुम्हारी।
भारत आओ अटल बिहारी। 40
राजनीति जीवन बनी,दिल से साहित साज।
कबीर जैसी साधना, जनता रोती आज।।
आगर (मालवा) मध्य प्रदेश