देव दैन्त जी की तपोस्थली दोफाधार पर्वत श्रृंखला


टी सी ठाकुर, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

हिमाचल प्रदेश जिला मण्डी के उपमण्डल करसोग ग्राम पंचायत रिच्छणी दोफाधार के आँचल में हरे भरे पहाड़ी में घिरा अति रमणीय स्थल है। करसोग छतरी सोमाकोठी मार्ग पर बायीं ओर स्थित समुद्र तल से लगभग 6000 फुट की ऊंचाई पर बसा, देव श्री दैन्त जी का खूबसूरत मंदिर है। श्री देव दैन्त जी यहां पिण्डी रूप में स्थापित है।

देव दैन्त जी के मंदिर के लिए लोग दूर-दूर यहाँ इनके दर्शन के लिए आते है। श्री दैन्त देव जी की पूजा विशेषकर पशुधन रक्षा के लिए की जाती है। खासकर गौ माता की बीमारी को ठीक करने के लिए पूजा जाता है। बीमारी से निजात पाने के बाद लोग यहाँ गाय का पहला घी व लोहे से बना चिमटा चढाते है। श्री देव दैन्त जी के साथ यहां उनके गण भी विराजते है, जिसमें देव ढवराची, बैन्शी वीर, देव पंजाला, देव वनशीरा और शिकारी माता स्थापित है। 


मंदिर के मुख्य कारदार रोशन लाल चौहान व मंदिर पुजारी थुमा राम शर्मा बताते है कि देव दैन्त जी रामगढ़ क्षेत्र के गढ़पति भी बोला जाता है। वह बताते है कि पशुधन रक्षा के लिए लोग आज के वर्तमान समय में भी लोग दूर-दूर से मन्नत के लेकर आते है। यह मंदिर 2010  को बनाया गया है। लोग दूर-दूर से यहां मुराद लेकर आते है। देव श्री दैन्त जी का यह मंदिर असीमित शक्तियों का स्थान है।


च्वासी करसोग, (मण्डी) हिमाचल प्रदेश

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