डाॅ दशरथ मसानिया, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
आर्यभट्ट विद्वान से, जग ने सीखा ज्ञान।
गणित ज्ञान के कारणे, ज्योतिष की पहिचान।।
पइथोगोरस कह गये, तिरभुज है समकोण ।
लंब अधार कर्ण को, नहीं जानता कौन।।
जयजयजय गणित महाराजा, सब जग बजता तुम्हरा बाजा। 1
कम्प्युटर के तुम ही दाता, जन-जन के हो भाग्य विधाता। 2
भौतिक ज्योतिष तुमसे आये, इस्टेटिस्का अलख जगाये। 3
अंक गणित अंकों की माया, बीज गणित में चीजक छाया। 4
क्षेत्रमिति सब खेत बनाती, ज्यामिति रेखागीत सुनाती। 5
आयत वृत्त शंकु घन गोला, त्रिज्या परिधि परिमप तोला। 6
रेखा टेडी सरल कहाई, दोनो ओर अनंता जाई। 7
रेखा लंबी सीमित खंडा, बिन्दु निशाना गोला अंडा। 8
किरणा एक दिशा को जाती, दो किरणें मिल कोण बनाती। 9
एक बिन्दु से रेख अनेका, दो से मिलके होती एका। 10
तीन मिलें तिरभुज बन जाता, चार चतुर्भुज भी कहलाता। 11
नने सम असि सरल कहाये, न्यून अधिक पूरक मन भाये। 12
तिरभुज तीनों अंतः कोणा, योगा एक असी का होना। 13
कोठक जानो चार प्रकारा, रेस लघु मझ बड़ा अपारा। 14
लघुतम महतम औसत जानो, खिंड गुणा को तुम पहिचानों। 15
समीकरणे बेलेंस बनाती, बीजक का वे भेद दिखाती। 16
चर अचरा बहुपद को जाने, अनुपाता समपाता माने। 17
संख्या सम अरू विषम कहाई, मिाज अभाज गुणनखंड भाई। 18
जोड़ घटाव गुणा अरू भागा, गिनती प्हाडे सीखें आगा। 19
पनयन ऋणण धन कहलाते, बनत्राण ऋणधन ऋण बनजाते। 20
जोड़ गुणा पट दायें आने, भाग सदा बायें से जाने। 21
आर्यभट्ट की महिमा भाई, शोधा सीफर अंक बनाई। 22
बायें सीफर कीमत नाही, लागे दायें दस गुण आई। 23
मिन्न दशमलव प्रतिशत देखा, वर्ग समीकर संख्या रेखा। 24
सब संख्या का योगा कीजे, फिर भागा से औसत लीजे। 25
कय विकय अरू हानि लागा, बट्टा मूला करते भागा। 26
सेमी मीटर लब कहाना, मार इकाई तौला ग्रामा। 27
घंटा मिनटें समय बताते, पल-प्रति पल जीवन को गाते। 28
मूल समय दर गुणा लगाये, सौ से भाग व्याज बताये। 29
मिश्रा मे से मूल घटाये, तभी ब्याज को पूरा पाये। 30
तिरकोणी समकोण बनाती, ज्यामिति रेखागीत सुनाती। 31
लंब अधार वर्ग जुड़वाये, दोनो का फल कर्ण कहाये। 32
साइन कोसक टेन कहाते, कोसक सेका कॉट बनाते। 33
अल्फा बीटा थीटा गामा, पाईफाई साई नामा। 34
आयो लेमड़ सिगमा जाने, वोलग चीहन गणित पहिचाने। 35
बाइस दिस रामानुज आये, गणित ज्ञान का भेद बताये। 36
मुट्ठी बांधी महिना दीसा, ऊपर इकतिस नीचे तीसा। 37
फरवरी अट्ठाईसा मानो, चौथे को उनतीसा जानो। 38
सुनीता कल्पन अरू राकेसा, मिसाइल अब्दुल सबने देखा। 39
गणित ज्ञान को जिसने जाना, दुनिया ने उसको पहिचाना। 40
बाइस दिस को गणित दिन, रामानुज पहिचान।
दिन तो छोटा होत है, लम्बी रात मसान।।
आगर (मालवा) मध्य प्रदेश