शि.वा.ब्यूरो, बुढ़ाना। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव द्वारा बीती रात किये गये कई ट्रांसफर में भौराकलां थानाध्यक्ष वीरेन्द्र कसाना को भी वहां से हटाकर सिखेड़ा का थानेदार बना दिया था। वीरेन्द्र कसाना का तबादला किए जाने के विरोध में आज सिसौली के ग्रामीण धरने पर बैठ गए और घंटों हंगामा किया। हंगामे के बीच भाजपा विधायक उमेश मलिक भी वहां पहुंच गये और लोगों को समझाने और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने के लिए प्रेरित करने के स्थान पर उन्होंने थानाध्यक्ष का तबादला न होने देने का आश्वासन दे डाला।
भाजपा विधायक की इस कार्यशैली की आज दिन भर चर्चा होती रही कि किस अफसर से कहां और कैसे काम लेना है, ये आला अफसर का विवेक है और विशेषाधिकार भी। जानकारों की मानें तो ऐसे में किसी राजनेता का किसी के ट्रांसफर रूकवाने या करवाने के अड़ जाना कतई उचित नहीं हो सकता। जानकार बताते हैं कि भाजपा विधायक उमेश मलिक अभी हाल ही में उस समय भी चर्चाओं में आ गये थे, विदेश में रह रहे उनके पुत्र ने कथित रूप से आपत्तिजनक टिपण्णी कर दी थी, जिस पर उन्होंने पुत्र की आईडी हैक होने की बात कहते हुए पुलिस में मामला भी दर्ज कराया था। इसके विपरीत उनके पुत्र ने अगले ही दिन फिर से अपनी सफाई देते हुए अपनी कथित रूप से गलती को मानने से इंकार करते हुए अपने विधायक पिता द्वारा दी जा रही आईडी हैक होने की थ्यौरी पर ही पानी फेर दिया था।
ज्ञात हो कि एसएसपी अभिषेक यादव ने कल देर रात 6 थाना प्रभारी बदल दिए थे, जिनमे भौराकला थानाध्यक्ष वीरेंद्र कसाना को सिखेड़ा का थानाध्यक्ष नियुक्त किया था।