शि.वा.ब्यूरो, लखनऊ। आपने अक्सर लोगों को मजारों पर फूल, चादर चढ़ाते देखा होगा, लेकिन दुनिया में एक ऐसी भी मजार है जहां सिगरेट और शराब चढ़ाने से मन्नत पूरी होती हैं। यूं तो भारत के रीति-रिवाज और परंपराएं शुरू से ही अनोखी रही हैं, लेकिन इस मजार की खासियत ही कुछ अलग है। यहां दो विभिन्न धर्मों के लोग एक तीसरे धर्म के व्यक्ति की पूजा में नतमस्तक होते नजर आते हैं।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मूसा बाबा के समीप एक कप्तान बाबा की दरगाह है। इस दरगाह में ने केवल मुसलमान बल्कि हिंदुओं और ईसाइयों की भी आस्था है। यह मजार एक ब्रिटिश सैनिक की कब्रगाह है. 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक हादसे में मारे गए अंग्रेज सेना के अधिकारी कैप्टन एफ वेल्स की मजार पर सिगरेट चढ़ाने के लिए हर गुरुवार श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इस मजार पर आने वाले लोग धूप, अगरबत्ती, फूल के साथ सिगरेट और शराब भी लेकर आते हैं।
इस मजार को लखनऊ से हरदोई रोड के रास्ते में मूसा बाग आसिफुद्दौला के लिए मोसियो मार्टिन ने बनवाया था। यह कब्र 21 मार्च 1858 की लड़ाई में मारे गए कैप्टन एफ वेल्स की है। हालांकि अब उस पत्थर की सफेद रंग से पुताई कर दी गई है और उसे बड़ी मुश्किल से पढ़ा जा सकता है जिस पर ये भी लिखा है कैप्टेन एफवेल्स इस युद्ध में एक सच्चे ईसाई सैनिक की तरह मरे। कहते हैं कि कैप्टन वेल्स सिगरेट और शराब का बहुत शौकीन था इसलिए उनकी मजार पर सिगरेट चढ़ाई जाती है। लोगों का मानना है कि उनकी मजार पर सिगरेट चढ़ाने से हर मनोकामना पूरी होती है। हालांकि इस बारे में कोई भी नहीं जानता कि एक अंग्रेज की कब्र पर पूजा कब और कैसे शुरू हो गई।
यहां सिगरेट चढ़ाने से होती है हर मन्नत पूरी (शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र के वर्ष 12, अंक संख्या-30, 21 फरवरी 2016 में प्रकाशित लेख का पुनः प्रकाशन)