अशोक काकरान, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
फर्जी शिक्षकों से योगी सरकार 900 करोड़ रुपये वसूलेगी। फर्जी शिक्षक बर्खास्त भी होंगे। अच्छी बात है। यह तो और भी बड़ा घोटाला है कि इतनी बड़ी संख्या में फर्जी अध्यापक नोकरी पर जाते रहे और बिना समस्या के सैलरी उठाते रहे। अभी अन्य लोगों के बारे में भी जांच चल रही है, मुमकिन है और भी लोग फर्जी निकल आये। फर्जीवाड़ा करने वाले अद्भुत क्षमता वाले लोग कमोबेश सभी विभागों में मिल जाएंगे। हमेशा से सरकारी नौकरी और विभागों में फर्जीवाड़ा सुनने में आता रहता है लेकिन कभी कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। कड़े कदम उठाए गए होते तो इतनी बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षक ना सामने आते। 900 करोड़ की रकम अथाह रकम होती है, एक दिन में तो उन लोगो ने यह सैलरी पा नही ली होगी। पता नही कब से यह मामला चल रहा था। कार्यवाही सभी पर होनी चाहिये। जिन फर्जी शिक्षकों पर कार्यवाही की बात की जा रही है अकेले वही तो दोषी नही है। उनको मदद करने वाले भी बराबर के दोषी हैं। एक यक्ष प्रश्न है कि क्या बिना अधिकारियों की मिलीभगत से उन फर्जी अध्यापको ने ड्यूटी लगाने के बाद सैलरी निकाल ली होगी? फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ और सरकार सतर्क हुई, बहुत अच्छा लगा। पिछले दिनों एक महिला अधयापक का मामला सामने आया था कि उसने 25 जिलों में नोकरी करते हुए करोड़ो रूपये सरकार से फर्जीवाड़ा करके ले लिए। यहां भी सवाल है कि क्या बिना बड़े अधिकारियों की सहमति से वह सम्भव हुआ होगा? ऐसा नही होता। किसी भी भ्र्ष्टाचार में कुछ लोग जरूर सम्मिलित होते हैं तभी उनको सफलता प्राप्त होती है। हमाम में सब नंगे, वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। मिल बांटकर खाने में लगे भृष्ट लोगो को पर सख्त कार्यवाही की जाए तो ऐसे फर्जीवाड़े रोके जा सकते हैं वरना ढाक पर तीन पात,,फिर से दिखाई देंगे।
वरिष्ठ पत्रकार, राजपुर कलां (खतौली) मुजफ्फरनगर