जनपद के एक अभिभावक ठा० प्रणजय चौहान एडवोकेट ने ऑनलाइन क्लास एवं फ़ीस के संदर्भ में उठाया सवाल, कहा-क्या हम आपके बिजनेस पार्टनर है, जब बच्चा स्कूल गया ही नही तो फीस कैसी


शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। जनपद के एक अभिभावक ठा० प्रणजय चौहान एडवोकेट ने ऑनलाइन क्लास एवं फ़ीस /शुल्क के संदर्भ में सवाल उठाया है कि स्कूल प्रशासन निरंतर मेरे मोबाइल पर शुल्क जमा करवाने के मैसेज कर रहे है और ऑनलाइन पढ़ाई प्रारम्भ होने की बात कर रहे है तो कृपया मुझे स्पष्टीकरण देने की कृपा करें-

1. हम अभिभावक आपको किस बात की फ़ीस जमा करवाये जब  बच्चा स्कूल गया ही नही..

2.ऑनलाइन पढ़ाई आपने हमसे पूछ कर तो शुरू करवाई नही और न ही हमने आपको कहा था कि ऑनलाइन पढ़ाई बच्चो की शुरू करवाओ..

3.ऑनलाइन पढ़ाई करने से पहले आपने हमसे पूछा कि हमारे पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिये अलग से मोबाइल , लैपटॉप,नेट वर्क है कि नही..

4. पहले बच्चे अगर गलती से मोबाइल स्कूल में ले आते थे तो उनके मोबाइल आप लोग जब्त कर लेते और पेरेंट्स को बुलाकर स्कूल में मोबाइल से होने वाले नुकसान के बारे में सलाह देकर, नसीहत करने लगते थे और आज आप उसी मोबाइल में ऑनलाइन पढ़ाई को सही ठहरा रहे है, ये दोहरा मापदण्ड क्यों? इसलिये ताकि आप एक आध घण्टे ऑनलाइन पढ़ाई का बहाना बनाकर अभिभावको से फीस वसूल सके।

5.आप सभी स्कूल वालो ने मिलकर अखबार में विज्ञापन दिया है कि अभिभावक फीस जमा करवाये। कृपया बताएं अभिभावक कहा से फीस लेकर आये? जब अभिभावक खुद सरकार के कहने पर अपने काम धंधे, नोकरिया छोड़कर घर बैठ गए तो वहाँ कहा से आपको फीस देंगे, हमारे पास कोई जादुई चिराग तो है नही जो रगड़ कर उससे पैसे आ जाएंगे और आपको दे देंगे और दूसरी बात क्यों देंगे जब बच्चा स्कूल गया ही नही। 

6.आप कहते है कि आपको टीचरों को तन्खवाह देनी है तो कृपया आप बताये की अभिभावक क्या आपके बिजनेस पार्टनर है, जो अगर आपको घाटा हो रहा है तो वो आपको दे। जब स्कुल में हर साल आपको प्रॉफिट हो रहा था तो क्या आपने कभी अभिभावको को कोई रियायत दी उल्टा हर साल फीस बढ़ाकर अभिभावको को शोषण करतें रहे। कभी सुना है कि कोई शिक्षण संस्थान घाटे के चलते अकारण बंद हो गया

7-अभिभावको ने भी अपने यहाँ कार्य करने वाले कर्मचारियों को वेतन अपनी जेब से दिया है। बड़ी-बड़ी कम्पनियो के मालिकों ने फेक्ट्री के मालिकों ने अपनी जेब से दिया है तो टीचरों को वेतन भी आपको जेब से ही देना होगा, क्योंकि टीचरों ने ही आपको हर साल कमा कर दिया है।

8.कृपया फालतू की बातों से या बच्चों के नाम काटने को धमकी देकर अगर आप ये सोच रहे है कि आप फीस हमसे जबरदस्ती वसूल लेंगे तो आप गलतफहमी में है।

9.हम सिर्फ हक की बात कर रहे है कि जब तक स्कूल बंद रहेंगे, तब तक कि फीस हम आपको नही दे सकते, आप चाहे ऑनलाइन पढ़ाई कराओ या नहीं।

10.इस ऑनलाइन पढ़ाई के चक्कर मे बच्चे की आखो की रोशनी और मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है और यही बात आप पेरेंट्स और बच्चो को समझाते थे और अगर बच्चो की आंखों पर या मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ा तो क्या आप उस बात की जिम्मेदारी लेते है?

11.अंत में एक महत्वपूर्ण तथ्य से आपको अवगत करा दूं कि कानूनी रूप से भी आप किसी भी विधार्थी को आर्थिक स्थिति के आधार पर या फीस जमा न करने पर, शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं कर सकते हैं।

अभिभावक ठा० प्रणजय चौहान एडवोकेट ने कहा है कि मैं आपसे पुनः विनती करता हूं कि कृपया बार बार फीस जमा करवाने के लिये मेसेज न करे और न ही हम पर दबाव बनाये। जब तक स्कूल बंद रहेंगे तब तक हम आपको फीस नही दे सकते।

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