संजीबा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
वर्दी वालो मेरी इतनी सी बात याद रखना
बेगुनाहों पे जो तुमने लाठी जो उठायी
मां-बहनों को गाली जरा भी दी भाई
तो तेरे पाप तेरे बाल-बच्चों को पड़ेगा भोगना
वर्दी मिली है तुझे किसके लिए
कर क्या रहा है कभी पूछ खुद से
काहू की आह लगे तुझको
ऐसा तू मत करना, मत करना
Tags
poem