प्रीति शर्मा "असीम", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
अनगिनत लहरें आती है |
बहा के मुझे अनंत में ले जाती है |
यह कौन............?
उस शून्य से पुकारता है ..मुझे |
उस राह से निहारता है .... मुझे |
यह कौन.................?
गीत के सुरों में सजाता है...मुझे
यह कौन.................?
हवाओ के झोंके -सा सहलाता है, मुझे |
उस ओर से आने वाले पंछी कुछ कहते है |
बादलों के झुरमुट भी कुछ बुदबुदाते है |
पपीहे के इस दर्द भरे स्वर में,
किसकी चित्कार है छुपी|
यह कौन किरणों को बिखेर,
सपनों से जगा जाता है ...मुझे |
यह कौन दे-दे के थपकियां,
सुला जाता है........मुझे |
यह कौन.....................?
यह कौन हाथ पकड़ ,
मंजिल तक पहुंचाता है...मुझे
यह कौन.....................?
मेरा हो, मुझ में ठहर जाता है |
एक धुंध -सी बन समा जाता है |
मेरे भीतर से यह कौन मुझे बुलाता है |
मेरे भीतर से यह कौन मुझे बुलाता है ||
नालागढ़ हिमाचल प्रदेश
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