राम-कृष्ण के हैं हम वंशज

डॉ. अ. कीर्तिवर्धन, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

चलो शुरू हो जायें हम 
मानवता समझायें हम। 
देश हमारा सबसे पहले 
सबको यह बतलायें हम। 
बाँट रहे जो जाति-धर्म में 
एकता सन्देश सुनायें हम। 
समझ सके ना अपना लक्ष्य 
ठोकर मार भगायें हम। 
विश्व शान्ति लक्ष्य हमारा 
जग को यह समझायें हम। 
वसुधैव कुटुम्ब है अपना 
विश्व गुरु कहलायें हम। 
सर्वे सन्तु निरामया का 
सबको सार बतायें हम। 
शांति-अहिंसा मूल मन्त्र हैं 
इसका भाव सिखायें हम। 
वीर शिवा की हम संतानें 
राष्ट्र प्रेम समझायें हम। 
राम-कृष्ण के हैं हम वंशज 
दुष्टों को मार भगायें हम। 
विद्यालक्ष्मी निकेतन, 53-महालक्ष्मी एन्क्लेव, मुज़फ्फरनगर उत्तर प्रदेश

Post a Comment

Previous Post Next Post