अ कीर्ति वर्द्धन, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्रं।
बंधी हुई चोटी को माँ, बार बार संवारती,
लट बाहर न रह जाए, क्लिप से सहारती।चोटी करते करते भी, अक्षर ज्ञान कराती,
बिटिया बने होनहार, माँ गर्व से निहारती।
नया गगन है- विस्तृत सपने, शिक्षा ही आधार,
माँ की शिक्षा संस्कार, संस्कृति सभ्यता आधार।
अक्षर ज्ञान कराते गुरूजन, नित नई राह दिखाते,
स्कूल चलेगी बिटिया रानी, मेहनत ही होगा आधार।
विद्या लक्ष्मी निकेतन 53 -महालक्ष्मी एन्क्लेव, मुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश