अफसरों व नेताओं की मिलीभगत को उजागर करने राष्ट्रपति से मिलेगा कोल्हान रक्षा संघ के पदाधिकारियों का प्रतिनिधि मण्ड़ल

कार्तिक कुमार परिच्छा, सरायकेला। जल, जंगल, जमीन के सहारे जी रहे आदिवासियों पर इलाके की  जमीन को अंचल अधिकारियों द्वारा अवैध बन्दोबस्ती दिये जाने से झारखंड का सबसे बड़ा आदिवासियों का समूह कोल्हान रक्षा संघ अब इस अन्याय के विरूद्ध डट खड़ा होने लगा है। 

कोल्हान रक्षा संघ के पदाधिकारियों ने बताया एक प्रतिनिधि मण्ड़ल सिंहभूम के अंचल अधिकारियों, अपर उपायुक्तों के सहित पश्चिम सिंहभूम के तहत जिला नुआमुडी के अंचल के भू राजस्व  अधिकारी के हरकत की जानकारी  राज्यपाल एवं राष्ट्रपति को देकर उक्त कार्यवाही रोकने व दोषी अफसरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करेगा। उन्होंने बताया कि आदिवासी संगठित होकर आर्थिक नाकेबंदी करने से लेकर राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मु के दिल्ली स्थित आंगन में फरियाद लेकर पहुंच सकते हैं।  

कोल्हान रक्षा संघ ने झारखण्ड़ के सरकारी अधिकारियों पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा है कि जिन आदिवासी एवं मुलवासियों को लेकर झारखंड की राजनीति की जाती है और सरकारें सत्तासीन होती हैं, उन्हीं सरकारों के अधिकारी बड़े पैमाने पर सरकारी जमीने बेचकर अपनी जेब भर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सिंहभूम में पूजा स्थलों से लेकर सरायकेला के ऐतिहासिक, सामरिक, विरासतों को लगातार उजाड़ा जा रहा है, इससे आदिवासी एवं मुलवासियों की धार्मिक व सांस्कृतिक विरासतें विरान होने से क्षेत्र में सामाजिक वैमनस्यता बढ़ रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे ही जमीन का एक मामला पश्चिम सिंहभूम जिला के नुआमुडी अंचल का है, जहां नुईयां गांव में सरकारी जमीन को अंचल अधिकारी साठगांठ करके हस्तांतरित करने में लगे हुए हैं। उक्त अधिकारी की इस मनमानी के खिलाफ भी आदिवासियों में विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। वे इसके खिलाफ गोलबंद हो रहे हैं।  

कोल्हान रक्षा संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि गत माह संघ ने झारखंड के राज्यपाल रमेश वैश्य से राजभवन में मुलाकात करके झारखंड में जारी इस जमीन बेचने की अवैध कारोबार पर लिखित शिकायत करते हुए इसपर तुरन्त अंकुश लगाने की मांग की थी। उन्हांेने राज्यपाल को अवगत कराया था कि सरायकेला खरसावां, पूर्वी तथा पश्चिम सिंहभूम के सीओ, एडीसी एक सिंडीकेट बनाकर इस कारोबार के जरिए धन बटोरने में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि सरायकेला मे विभिन्न औद्योगिक संस्थानों, घरानों एवं उद्धोगपितों को जमीन देने की एवज में मोटी रकम नेताओं एवं अधिकारियों को मिल रही है, जिसके सहारे सारे नियम व कानून ताक पर रखे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पश्चिम सिंहभूम एवं सरायकेला भूमि हस्तांतरण, रेजेस्ट्री अवैध कमाई का उद्योग बन चुका है। 

कोल्हान रक्षा संघ के संगठन सचिव कार्तिक कुमार परिच्छा ने कहा कि इस खेल में सफेदपोश, राजनेता एवं उद्योग पतियों का हाथ रहने के करण अब अपने  चहेते अधिकारियों को इन जिलों में रखकर गरीब मूलवासी एवं आदिवासियों को शोषण बदस्तूर जारी है। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार नहीं मानी तो लोग अपने घरों से निकलकर केवल सड़क पर ही नहीं उतरेंगे, बल्कि आर्थिक नाकेबंदी के साथ  भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों व सरकारों को बेनकाब करके उनकी मिली भगत को जगजाहिर करेंगे। उन्होंने कहा कि तीनों सिंहभूम की इस समस्या के निवारण के सम्बन्ध में एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर ऐसे अधिकारियों व उन्हें शरण देने वाले नेताओं की जानकारी देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगा।

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