राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
बिखर चुका है बहुत कुछ
मगर कुछ यादें
समेटना बाकी है अभी।
बहुत गम है जिंदगी में
मगर चेहरे पर
मुस्कुराहट बाकी है अभी।
खत्म हो चला है भले
जीवन का सफर
मगर फिर भी
कुछ करने के इरादे
बाकी है अभी।
बहुत जान चुका हूं
जीवन-मृत्यु का भेद
बस खुद को
जाना-पहचाना
बाकी है अभी।
भाषा अध्यापक राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गाहलिया (कांगड़ा) हिमाचल प्रदेश