शीबू खान, फतेहपुर। खागा तहसील क्षेत्र के ब्लॉक ऐरायां के काही एवं ब्लॉक विजयीपुर के उमरा ग्राम पंचायत में संविधान निर्माता भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम शुक्रवार को समारोहपूर्वक आयोजित किया गया। खड़ेश्वर धाम आश्रम डलमऊ (रायबरेली) के महंत एवं उमरा गांव निवासी पण्डित विजय शर्मा उर्फ महंत गणेशदास जी महाराज ने फीता काटकर एवं केक काटकर विधिवत रुप से बाबासाहेब की प्रतिमा का अनावरण किया। बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की 132वीं जयंती के अवसर पर मूर्ति अनावरण से पूर्व अंबेडरवादी संगठनों के पदाधिकारियों व ग्रामीणों ने महंत गणेशदास जी महाराज का साफा व माला से स्वागत करते सम्मानित भी किया। इस दौरान महंत गणेशदास जी महाराज ने समारोह को संबोधित कहा कि बाबा साहेब के जीवन संघर्ष से सफलता की कहानी देश के लोगों के लिए मिसाल है। उन्होंने कहा कि यह उनकी खुशनसीबी है कि उन्हें संविधान निर्माता डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण करने का मौका मिला आगे कहा कि समाज को संगठित रहना ही संघर्ष की पहली कड़ी है इसके अलावा लोगों को शिक्षित बनने का पाठ पढ़ाया एवं शिक्षा के बल पर ही भविष्य के बच्चों को बाबा साहेब जैसा बनाने की अपील भी की है। इसके साथ ही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का महत्व भी लोगों को समझाया।
कार्यक्रम में महंत ने वचन दिया कि जल्द ही समूचे जनपद में एक सैकड़ा से भी ज्यादा बाबासाहेब के अलावा अन्य महान विभूतियों की मूर्तियां स्थापित कराई जाएंगी साथ ही अंबेडकर पार्क व अंबेडकर पुस्तकालयों का भी निर्माण होगा जिससे छात्र व अन्य लोग मजबूती से शिक्षा ग्रहण कर समाज में अलग स्थान स्थापित करेंगे तथा संविधान को लोग सही से जानें जिसके लिए दस लाख से ज्यादा संविधान की प्रतियों को जन - जन तक पहुंचाया जाएगा। इसी दौरान पत्रकार एवं महंत गणेशदास जी महाराज के प्रतिनिधि शीबू खान ने भी उपस्थित लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूक होते हुए लोकतंत्र का असल मकसद बताने का काम किया। उन्होंने कहा कि आज उनके द्वारा बनाए संविधान का कहीं न कहीं दुरुपयोग हो रहा है, क्योंकि जो लोग आरक्षित सीटों से सांसद व विधायक बनकर जाते हैं, उनकी अकर्मण्यता के कारण समाज पिछड़ता जा रहा है। इसी के साथ ही उन्होंने हर जिला से लेकर पंचायत स्तर तक बाबा साहब की प्रतिमा स्थापित होनी चाहिए जैसी विशेष मांग भी की है। इस मौके पर सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे हैं।