खतौली पालिका चुनावः इस बार जीतने के लिए नहीं, दूसरों को हराने के लिए हाथ-पैर मार रहे दिग्गज

 

हवलेश कुमार पटेल, खतौली। पालिका के चुनावी दंगल में इस बार तस्वीर कुछ बदली-बदली सी नजर आ रही है। यूं तो सभी अपनी जीत का दावा करते हुए नये-नये दांवपैंच आजमा रहे हैं, लेकिन पर्दे की पीछे की तस्वीर बयां कर रही है कि इस बार पालिका चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि सामने वाले को हराने के लिए लड़ा जा रहा है। पालिका चुनाव में भाजपा के उमेश, सपा-रालोद के हाजी लालू, कांग्रेस जमील अंसारी व बसपा के हाजी इजहार सहित 9 प्रत्याशी मैदान में हैं।

बात यदि बसपा प्रत्याशी हाजी इजहार की करें तो उन्होंने चुनावी सरगर्मियां शुरू होने से पहले ही अपनी मंशा स्पष्ट करते हुए कह दिया था कि यदि हाजी लालू पालिका चेयरमैन का चुनाव लड़ेंगे तो मैं भी उनके सामने चुनाव जरूर लडूंगा। पूर्व चेयरमैन और वर्तमान में रालोद-सपा गठबन्धन की ओर से पालिका चेयरमैन के लिए चुनाव में उतरे हाजी लालू से उनकी अदावत का तो पता नहीं, लेकिन उस समय कही गयी बात की परिणिती अब सामने है। हाजी इजहार हालांकि अपनी सौ प्रतिशत जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन राजनीति के जानकारों का मानना है कि असल में वे चुनाव हाजी लालू को हराने के लिए लड़ रहे हैं। अब वे अपने मंसूबों में कहां तक कामयाब हो पायेंगे ये तो 13 मई को चुनावी रिजल्ट घोषित होने के बाद ही पता चल पायेगा। 

अब अगर बात पूर्व चेयरमैन पारस जैन की करें तो आरक्षण के तहत सीट अन्य पिछड़ा वर्ग में आने के कारण वे प्रत्यक्ष रूप से तो सामने नहीं है, लेकिन अपने ड्राइवर कृष्ण पाल सैनी को चुनावी मैदान में उतार कर अपना संकेत स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने पुराने अदावतकार उमेश को हराने के लिए अपने ड्राइवर कृष्ण पाल सैनी के जरिए मैदान में हैं और राजनीति के जानकार बताते हैं कि अपने इरादों में वे कुछ हद तक सफल भी नजर आ रहे हैं, क्योंकि जैन समाज में अब ये संदेश तेजी से वायरल हो रहा है कि जब उमेश ने उनके समाज के पूर्व चेयरमैन पारस जैन की खिलावत की थी, उस बात का बदला अब वे चुनाव में लेंगे। पालिका राजनीति को जानने वालों का यह भी मानना है कि पारस जैन इस बार पालिका चुनाव में डबल गेम खेलने की तैयारी कर रहे हैं।

बता दें कि पारस जैन सभासद पद के लिए प्रत्यक्ष रूप से भी चुनावी मैंदान में हैं और जानकारों की मानें तो उन्होंने नगर के कई वार्ड से अपने समर्थकों को चुनावी मैदान में उतारकर पालिका राजनीति की पटकथा लिखने की तैयारी कर ली है। राजनीति के जानकारों मानना है कि पारस जैन को पूरी उम्मीद है कि वे भाजपा प्रत्याशी उमेश को चुनाव जीतने नहीं देंगे और यदि उमेश चुनाव जीत भी जाते हैं तो वे सभासद के रूप में अपने समर्थक सभासदों के जरिये उनके कार्यकाल को कांटों से सजाते रहेंगे।

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