सवेरा (बाल कविता)

राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
हुआ सवेरा एक है
मिटा अंधेरा अनेक है,
जीवन की लालिमा छाई
बुराई की कालिमा भगाई,
नन्हें मुन्ने फूलों ने
सुबह ही रौनक लगाई,
पंछियों के चहचहाहट ने
हर बुरी नजर भगाई,
नील गगन में उड़ती
रंग बिरंगी चिड़ियों ने
सबके चेहरे पर
सुबह ही मुस्कुराहट लाई।
भाषा अध्यापक राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गाहलिया (कांगड़ा) हिमाचल प्रदेश

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