भारी बारिश के चलते टापू बना सहारनपुर, सात हजार से अधिक लोगों को राहत कैम्प में भेजा, डीएम ने अफसरों को दिये स्थिति से निपटने के निर्देश

शि.वा.ब्यूरो, सहारनपुर। जोरदार बरसात से मेन बाजार में सड़कों पर 2 से 3 फुट पानी जमा होने से दर्जनों दुकानों में पानी घुस गया, जिससे व्यापारियों के लाखों रुपए का सामान खराब हो गया। जनपद के कस्बा नागल में भारी बारिश से मकान की छत गिरने से पांच घायल हो गये। सहारनपुर की जलमग्न 13 कालोनियों से पांच हजार लोग निकालकर सात राहत शिविरों में भेजे गए हैं। छतों पर चढे लोगों को सुुरक्षित निकाला जा रहा है, हथिनीकुंड बैराज का जलस्तर तीन लाख से ऊपर पहुंच गया है और एनडीआरएफ, निगम, फायर ब्रिगेड, पुलिस बचाव में जुटे हुए हैं। जिलाधिकारी डा.दिनेश चन्द्र सिंह ने बाढ़, जल भराव की समस्याओं से निपटने के लिए बैठक की और वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके लोगों का हाल भी जाना। उन्होंने स्थिति से निपटने के लिए बनाये गये राहत शिविरों की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया और लोगों से धैर्य व संयम बनाये रखने की अपील भी की।

बता दें कि लगातार बारिश के कारण जलमग्न हुए क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव का कार्य निरंतर जारी है, सभी को सुरक्षित निकालकर अन्य स्थानों पर ले जाया जा रहा है। जिलाधिकारी डा.दिनेश चन्द्र सिंह ने टीम के साथ अलग-अलग क्षेत्रों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने राहत  शिविरों की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि वर्षा के प्रकोप से निपटने के लिए जिला प्रशासन मुस्तैद है। इसके उपरांत जिलाधिकारी ने देर शाम  जल भराव की समस्याओं से निपटने के लिए समस्त अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में जिन स्थानों पर जल भराव की समस्या हैं, वहां पर राहत शिविर लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में खाने के पैकेट्स पहुंचाने के साथ सुनिश्चित किया जाए की कोई व्यक्ति भूखा न रहे। मेडिकल टीम सक्रिय करने के साथ सभी अधिकारी अपने अपने क्षेत्रो में निरंतर भ्रमण करते रहें। उन्होंने सीवीओ को पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।

डीएम ने निर्देश दिए कि प्रभावित लोगों को खाने पीने की कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। इस मुश्किल समय में पीड़ितों का पूरा ध्यान रखना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन हर तरह की समस्या से निपटने को पूरी तरह से सक्रिय है। आप लोगों को धैर्य व संयम बनाये रखना है। निरीक्षण के समय उन्होंने आमजन से कहा कि सामर्थ्य के हिसाब से भी अपने आस पड़ोस के लोगों का ख्याल रखें।  जिला प्रशासन द्वारा लोगों के खाने पीने की व्यवस्था कराई जा रही है।

बता दें कि असामान्य से कही ज्यादा लगातार बारिश होने से पांवधोई और ढगोला नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हिडन के आस-पास की 12 से 13 कालोनियों में जलभराव से हालात बिगड गए है। नगर के आठ से 10 हजार लोग प्रभावित हुए है। मेयर डा. अजय सिंह ने बताया कि निगम ने नगर में सात राहत शिविर बनाए हैं, जिनमें चार हजार लोगों को रखा गया है। वहां खाने-पीने के सभी प्रबंध किए गए है। पानी में डूबे घरों की छतों पर चढे लोगोें को सुरक्षित बचाने और राहत शिविरों में पहुंचाने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।

बता दें कि रिकार्ड तोड 150 मिली मीटर से ऊपर बारिश होने से हालात बिगड गए हैं। सभी नदियां उफान पर है। एनडीआरएफ, पुलिस, फायर ब्रिगेड और नगर निगम बचाव कार्य में जी-जान से जुटा है। यमुना पर बने हथिनी कुंड बैराज का जल स्तर आज सुबह पांच बजे तीन लाख नौ हजार क्यूसिक तक पहुंच गया था। शाम को छह बजे घटकर दो लाख 27 हजार 117 क्यूसिक रह गया है। जिसे यमुना में छोडा गया है। यमुना का जल स्तर शाम छह बजे 334.55 मिमी. है। सिंचाई विभगा के अधीक्षण अभियंता ओम प्रकाश वर्मा ने बताया कि हालांकि बारिश जारी है। लेकिन  पानी घटना शुरू हो  गया है। 

जिले के कस्बों देवबंद, नानौता, चिलकाना, सरसावा, नकुड गंगोह आदि में निचले स्थानों पर जल भराव होने से जन-जीवन प्रभावित हुआ है। कई स्थानों पर कच्चे घर गिरने की सूचनाएं मिली। पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के चलते कस्बा नागल के कपासा में एक मकान की छत गिरने से एक परिवार के दो मासूम व दो महिलाओं सहित पांच घायल हो गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार  सुबह करीब पांच बजे जसबीर का परिवार घर में सो रहा था अचानक उसके मकान की दीवार खिसकने से एक कमरे की छत नीचे आ गिरी जिससे कमरे में सो रहे जसबीर, पत्नी रीना व करीब डेढ़ वर्षीय पुत्र कार्तिक, भाई अजब सिंह की पत्नी बेबी तथा 2 वर्षीया भतीजी कीर्ति घायल हो गए। शोर-शराबा सुन पहुंचे ग्रामीणों ने सभी घायलों को मलबे से बाहर निकाला तथा सीएचसी भिजवाया। 

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