मेरा देश महान

डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
गंगा जमुना सरस्वती, पावन जल की धार।
गंडक घागर गोमती, कावेरी उपहार।।1
कृष्णा सोन नर्मदा ,गोदावरि असनान।
चंबल शिपरा दे रही, भारत की पहचान।।2
ब्रह्मापुत्र सत सिंधुआ, सतलज रावी जान।
भाखड़ नंगल कह रहा, मेरा देश महान।।3
हिमालया के श्रृंग पर, बैठे हैं कैलाश।
ऋषि मुनि के तपोवना, देवन करते वास।।4
हिंदी भाषा देश की, कश्मीरी अरु सिंध।
कन्नड़ तामिल तेलगू, संस्कृत उर्दू हिंद।।5
मलयालम उड़िया कहो, अरु कोंकण गुजरात।
पंज मराठा आसमी, नागा मणि बंगाल।।6
चाय बगाना फूलते, पूरब आसम राज।
गेहूं गन्ना ऊपजें, उत्तर भूमी आज।।7
मालव विक्रम राज है, सोया धनिया खास।।
निमाड़ मिरची तेज सी,केला चना कपास।।8
इडली डोसा चाटनी, खीर पूड़ी औ भात।
दाल बाटी चूरमा, बेसन गट्टा साथ।।9
बारह लिंग शिवालया, पावन चारों धाम।
अट्ठाइस राज मनोहरा, नव केंन्द्र पहचान।।10
सुभाष भगत चंदशेखर,  रानी लक्ष्मी जान।
लाल पाल अरु बाल ने, दीने अपने प्राण।।11
हिंदू मुस्लिम पारसी, सिक्ख इसाई जान। 
जैन बौद्ध भी भारती, कहते कवि मसान।।12
गांधी बापू कह गए, भारत है आजाद।
इसकी रक्षा तुम करो, कर उन्नति निर्बाध।।13
दरबार कोठी 23, गवलीपुरा आगर, (मालवा) मध्यप्रदेश

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