आम सी लड़की

राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
सुन कर मोहब्बत के
अधूरे किस्से सहम जाती है
आम सी लड़की।

अजनबी लोगों को देख
घबराकर छुप जाती है
आम सी लड़की।

माँ के आंचल को,पापा के कंदे को
अपनी ढाल समझती हैं
आम सी लड़की।

इश्क़ तो दूर
उसके नाम से भी डर जाती है
आम सी लड़की।

इश्क़ लिखती है, इश्क़ पढ़ती है
मगर इश्क़ करने से डरती है
आम सी लड़की।

मिलती नहीं,दिखती नहीं
कहीं भी आजकल
आम सी लड़की।

राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गाहलिया (कांगड़ा) हिमाचल प्रदेश

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