शि.वा.ब्यूरो, देवबंद। इण्डियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा देश भक्ति से ओत-प्रोत कवि सम्मेलन एवं मुशायरे के कार्यक्रम का आयोजन रेलवे रोड स्थित गिरधर गोपाल रेस्टोरेन्ट पर किया गया। कार्यक्रम में शामली से आये कवि मायूस प्रदीप मायूस ने पढा-
भले नफरत हो जितनी भी यू तेरे जहन में जालिम,
मोहब्बत का हसी ये कारवां कि रुक नहीं सकता।।
तू मिल्की कोशिशे कर ले, मगर ये कौल है अपना,
हमारे देश का झण्डा कभी भी झुक नहीं सकता।।
नफीस अहमद ने पढा-
मोहब्बत के चिरागों का जला देना जरुरी है,
जमाने से अंधेरे को मिटा देना जरुरी है।।
कैथल से आये राजेश भारती ने पढा-
हीरे मोती नहीं लिखे हैं,
मैने रोटी, दाल लिखा है।।
जावेद आसी ने पढा -
ये अलग बात कि कोशिश में जमाने लग गये,
दुश्मनों के तो मगर होश ठिकाने लग गये।।
मोहब्बत के चिरागों का जला देना जरुरी है,
जमाने से अंधेरे को मिटा देना जरुरी है।।
कैथल से आये राजेश भारती ने पढा-
हीरे मोती नहीं लिखे हैं,
मैने रोटी, दाल लिखा है।।
जावेद आसी ने पढा -
ये अलग बात कि कोशिश में जमाने लग गये,
दुश्मनों के तो मगर होश ठिकाने लग गये।।
इनके अलावा चाँद देवबन्दी, कवियत्री रामकुमारी मेरठ, कवियत्री कुसुमाकर मेरठ, समर मंगलौरी ने अपनी कविताओं और उम्दा शायरी से खूब दाद बटौरी।। निजामत गुलजार जिग़र ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी अंकुर वर्मा, विशिष्ठ अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष विपिन गर्ग, एसडीओ हाइडिल एके चौरसिया, जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन चौ. राजपाल सिंह रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता दीपकराज सिंघल ने की।
दीप प्रज्जवलित अशोक गुप्ता वरिष्ठ समाजसेवी ने किया, जबकि शमां रोशन पूर्व आईआईए चेयरमैन अंकुर गर्ग द्वारा किया गया। कार्यक्रम संरक्षक विजेश कंसल, राजकिशोर गुप्ता, विजय गिरधर रहे। आई.आई.ए. चेयरमैन पंकज गुप्ता द्वारा मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी अंकुर वर्मा का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम संयोजक जर्रार बेग, सुमित धवन एवं सह संयोजक मौ0 ईस्माइल एवं शिवम सिंघल द्वारा अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रुप से डा0 सुखपाल सिंह, सचिन छाबडा, कुणाल गिरधर, अरुण गुप्ता, देवीदयाल शर्मा एड., राजेश गुप्ता, सलीम कुरैशी, अंसार मसूदी, जमाल नासिर, नजम उस्मानी, गिरीश कोहली, पुनीत बंसल, अश्वनी मित्तल, अजय गर्ग, विवेक तायल, राजेश सिंघल, वरयाम खान, रईस अंसारी, स0 बलदीप सिंह सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।