मोहनलाल वर्मा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
राष्ट्रीय-राजकीय सम्मान से सम्मानित डा. नम्रता आनंद ने शिक्षा, पर्यावारण संरक्षण और महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है। डा.नम्रता आनंद अपने पापा सेवानिवृत अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार वर्मा से प्रेरणा लेकर 13 वर्ष की उम्र में अपने छात्र जीवन में ही स्लम एरिया के लोगों की सेवा का काम शुरू किया। आपके सराहनीय कार्यों को देखते हुए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2004 में 20 युवाओं को दिए गए राष्ट्रीय युवा पुरस्कार में आपका भी चयनित किया गया। अपने राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से उत्साहित होकर आपने वर्ष 2008 में दीदी फाउंडेशन सामाजिक संस्था पंजीकृत करायी और सामाजिक सेवा का सफर शुरू किया। इस समय दीदी फाउंडेशन से 60 स्वयंसेवी सदस्य जुड़े है। दीदी फाउंडेशन का कार्यक्षेत्र पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, बनारस,,छतरपुर और समस्तीपुर तक फैल गया है।
डाॅ. नम्रता आनंद फुलवारी शरीफ प्रखंड में पटना में मिडिल स्कूल सिपरा की शिक्षक है। इन्होंने अबतक 10 हजार पौधे लगाए है, इनको पर्यावरण लेडी उपाधि दी गई है। आपके सामाजिक व उत्कृष्ट शैक्षणिक कार्यों को देखते हुए बिहार सरकार ने 2019 में राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया। डाॅ. नम्रता आनंद ने 1996 से ही स्लम एरिया में दीदी संस्कारशाला शुरू की और अब तक लगभग 6 हजार बच्चो को प्रारंभिक शिक्षा देकर उनका प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेश दिलाया। स्लम एरिया की बेटियों व महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चितकोरा व जगजीवन नगर में सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र खोले और अब तक 700 महिलाओ को आत्मनिर्भर बना दिया है। दीदी फाउंडेशन प्रशिक्षित महिलाओ को कच्चा माल देकर उनसे सिले हुए कपड़े लेकर बाजार में उतरता है।
दीदी फाउंडेशन हर वर्ष कुमरार नेत्रहीन विद्यालय पटना में होली, दीवाली आदि त्योहार नेत्रहीन छात्र छात्राओ के साथ सेलीब्रेट करता है। दीदी फाउंडेशन वृद्धाश्रम में समय-समय पर सहयोग देता है और 2024 तक अपना एक वृद्धाश्रम खोलने का लक्ष्य है। डाॅ. नम्रता आनंद के कुशल मार्गदर्शन में दीदी फाउंडेशन के सामाजिक सेवा के सफर की मुहिम सफलतापूर्वक चल रही है।
शिव हरि मन्दिर काॅलोनी मेरठ, उत्तर प्रदेश