शिविर में 197 बच्चों के दांतों का परीक्षण किया

शि.वा.ब्यूरो, देवबंद। मानव कल्याण मंच द्वारा नर सेवा नारायण सेवा के सूत्र को अपनाकर नगर में वर्ष भर विभिन्न सेवा कार्य जनहित में किए जा रहे हैं। मासिक सेवा कार्य की इस कड़ी में मानव कल्याण मंच द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर रेलवे रोड  देवबंद के स्कूल प्रांगण में बच्चों के  स्वास्थ्य के लिए  दांतों के परीक्षण के लिए चिकित्सा शिविर लगाया गया, जिसमें डाक्टर अश्विनी पुंडीर (बीडीएस) द्वारा  197 बच्चों के दांतों का परीक्षण किया गया। सभी बच्चों को टूथपेस्ट एवं ब्रश वितरित किए गए। आवश्यकता के अनुसार बच्चों को दवाईया भी दी गई। 

इस अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर रेलवे रोड के प्रधानाचार्य मनीष त्यागी ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षण प्राप्त कर रहे गरीब बच्चों की चिकित्सक सहायता करने से बड़ा समाज में कोई सेवा कार्य नहीं है। आज के बच्चे पढ़कर कल देश का भविष्य सुधारेगे और शिक्षित बच्चें कल समाज में अपना योगदान देंगे l  मंच के संस्थापक अरुण अग्रवाल द्वारा बताया गया कि मंच का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद लोगों तक सहायता पहुंचाना है। इस समय भारत में 17 से 19 वर्ष की उम्र के 29 करोड़  नवयुवक है। जिसमें भारत के सभी वर्गों के बच्चे आते हैं। इनकी  देखभाल सही तरीके से होनी चाहिए तभी भारत विकसित राष्ट्र बन पाएगा। प्रत्येक विकसित समाज सदा ही समाज सेवकों का ऋणी रहता। सच्चे मन भाव से की गई सेवा से आत्म सुख की अनुभूति होती है और यही सच्ची सेवा है। 

मंच के महासचिव  सुशील कर्णवाल ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा किए गए सेवा कार्य उसे युगो-युगो तक जीवित बनाए रखते हैं। मंच के वरिष्ठ सदस्य लोकेश वत्स एडवोकेट ने बताया कि बुद्धिमान लोग वो हैं जो अपने समय को सामाजिक सेवा में व्यतीत करते हैं और मंच निर्धन बच्चों की सेवा करके बच्चों के सर्वांगीण विकास में अपना योगदान दे रहा है। मंच भविष्य में भी निसहाय व जरूरतमंद छात्र-छात्राओं का समय-समय पर सहयोग करता रहेगा। आज के कार्यक्रम में मुख्य सहयोगी रहे सुशील कर्णवाल का मानव कल्याण मंच द्वारा हार्दिक आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मंच के संस्थापक अरुण अग्रवाल, वरिष्ठ सदस्य लोकेश वत्स एडवोकेट, कोषाध्यक्ष प्रमोद मित्तल, राजू सैनी, यश बंसल, अमित  गर्ग (बिट्टू), रविन्द्र कश्यप एडवोकेट, संजय सैनी, नरेंद्र बंसल, राकेश अग्रवाल, सुशील कर्णवाल आदि उपस्थित रहे।


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