शि.वा.ब्यूरो, प्रयागराज। संयुक्त युवा मोर्चा के आवाहन पर गांधी जयंती के मौके पर युवाओं ने सामूहिक उपवास कर रोजगार अधिकार के लिए आवाज बुलंद की। युवा मंच के बैनर तले हुए धरना प्रदर्शन व उपवास में युवाओं ने चेतावनी दी कि अगर प्रदेश में 6 लाख रिक्त पदों को चुनाव आचार संहिता लागू होने के पहले भरने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए तो इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। उपवास व धरना प्रदर्शन के उपरांत राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री को संबोधित मांग पत्र प्रशासन को सौंपे गए। उपवास व धरना प्रदर्शन का नेतृत्व संयुक्त युवा मोर्चा के केंद्रीय टीम के सदस्य राजेश सचान, युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह, ई. राम बहादुर पटेल ने किया।
राष्ट्रपति को प्रेषित ज्ञापन में कहा गया कि बेरोजगारी की समस्या चिंताजनक स्तर पर है। लेकिन केंद्र सरकार इसके हल के लिए कतई गंभीर नहीं है। रोजगार अधिकार कानून बनाने, देश में एक करोड़ रिक्त पदों विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में 6 लाख रिक्त पदों को तत्काल भरने, सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग व संविदा व्यवस्था खत्म करने, रेलवे-बैकिंग, शिक्षा-स्वास्थ्य, बिजली-कोयला जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निजीकरण पर रोक और रोजगार सृजन के लिए कारपोरेट्स पर संपत्ति व उत्तराधिकार कर लगाने जैसे मुद्दों को उठाया गया।
मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में 6 लाख रिक्त पदों को भरने की चुनावीं घोषणा को अमल में लाने के अलावा शिक्षा सेवा चयन आयोग का तत्काल गठन करने, टीजीटी पीजीटी विज्ञापन 2022 में रिक्त 25 हजार सहित तदर्थ के पदों को शामिल करने,टीजीटी -पीजीटी व असिस्टेंट प्रोफेसर समेत सभी की परीक्षा तिथि घोषित करने और एलटी व प्रवक्ता (जीआईसी), प्राथमिक विद्यालयों, पुलिस, तकनीकी संवर्ग समेत अन्य भर्तियों के सभी रिक्त पदों को तत्काल विज्ञापित करने का मुद्दा उठाया गया। एलटी व पुलिस समेत अन्य भर्तियों में 3 साल की उम्र सीमा में छूट, सभी लंबित भर्तियों को आचार संहिता लागू होने के पहले पूरा करने, न्यायालय में लंबित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर जल्द से जल्द विवादों का निस्तारण करने, चयन प्रक्रिया को पारदर्शी व भ्रष्टाचार मुक्त बनाने जैसे सवालों को हल करने की मांग की गई।
नागरिक समाज के संयोजक विनोद तिवारी व संघर्ष वाहिनी के विभूति विक्रम सिंह ने उपवास में शामिल होकर रोजगार आंदोलन का समर्थन किया। इविवि में छात्रों के बर्बर दमन पर रोक लगाने व छात्रों को जेल से रिहा करने की मांग भी उठाई गई। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 21 व 18 को शिक्षा सेवा चयन आयोग में शामिल करने का भी मुद्दा उठाया गया।
सामूहिक उपवास में संयुक्त युवा मोर्चा के केंद्रीय टीम सदस्य राजेश सचान, युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह, संयुक्त युवा मोर्चा के उत्तर प्रदेश टीम सदस्य ई. राम बहादुर पटेल, इविवि के छात्र नेता अमित द्विवेदी आजाद, पीएमसी सदस्य शीतला प्रसाद ओझा,साधना पटेल, रावेन्द्र कुमार, संजय कुमार चौरसिया, हनुमान प्रसाद चौरसिया,डा० विनोद कुमार, सुरेंद्र कुमार, धर्मेंद्र पटेल, विजय मोहन पाल, बृजेश पटेल, दीपक चौधरी, रमाशंकर सरोज, गोविंद सरोज, विनोवर शर्मा, प्रेम चंद्र पटेल समेत सैकड़ों युवा शामिल रहे।