डॉ. दशरथ मसानिया, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
जयजय गुरवर राय दिवाकर।
ज्ञानवान बुद्धि के सागर।।1
राजनरायन राय दुलारे।
सरस्वती के बेटे प्यारे।।2
अट्ठारह दिस जन्मे ईसा।
सन अट्ठारह सौ चौतीसा।4
पोखलाल के राज कुमारा।
मां की ममता बच्चा प्यारा।।5
लोदीपुर है गांव तुम्हारा।
मंडल पटना राज बिहारा।।6
सहज सरलता गांधी जैसी।
करुणा ममता गौतम वैसी।।7
सादा वेशा सादा भोजन।
ज्ञान पिपासु सोचें योजन।।8
डिप्लोमा शिक्षा में पाये।
हिन्दी एम ए भी कहलाये।।9
शिक्षालय पटना में जाकर।
पीएचडी की डिग्री पाकर।।10
हिन्दी के शिक्षक बन आये।
कालेजों में खूब पढ़ाये।।11
सन पैंसठ में ब्याह रचाई।
मुगलसराय की बेटी पाई।।12
साहित्य सेवा धरम तुम्हारा।
तन उपकारी जीवन वारा।।13
अमीत नीरज के तुम ताता।
दीन दुखी के हरते त्रासा।।14
दरबार कोठी 23, गवलीपुरा आगर, (मालवा) मध्यप्रदेश