शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। आर्य अकेडमी इंटरनेशनल स्कूल में संस्कार भारती इकाई के तत्वाधान में आदि कवि महर्षि बाल्मीकि के जीवन एवं सामाजिक समरसता विषय पर एक विचार गोष्ठी तथा कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संस्कार भारती के प्रांत सह प्रमुख आचार्य महेंद्र मुख्य रूप से मौजूद रहे।
संस्कार भारती के विभाग संयोजक कीर्तिवर्धन अग्रवाल एवं जिला अध्यक्ष डाॅ. एसएन चौहान ने महर्षि बाल्मीकि के विराट व्यक्तित्व एवं उनकी काव्य कृति रामायण पर विस्तार से प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि महेंद्र आचार्य ने महृषि बाल्मीकि को आदि कवि बताते हुए उनके द्वारा रचित महाकाव्य को भारत की पहचान एवं सांस्कृतिक विरासत व धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि राम को जानने का एक मात्र साधन रामायण ही है।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में कवियों ने विभिन्न रचनाओं के माध्यम से सामाजिक समरसता पर आधारित कविताएं प्रस्तुत कर सकारात्मक संदेश दिया। इस अवसर पर एकेडमी की तीन छात्राओं अक्षिता, अक्षरा एवं वंशिका को शानदार प्रस्तुति के लिए संस्कार भारती के पदाधिकारियों द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। रचनाकारों में ड़ा कीर्ति वर्धन अग्रवाल ने दीपक के महत्व पर रचना सुनाई। कवियत्री सुमन प्रभा ने सामाजिक सरोकारों को उकेरा। रामकुमार रागी ने बच्चों को गुदगुदाया। पंकज शर्मा ने पंच पर्व के दृष्टिगत रचना पढ़ी। नीलम अग्रवाल, सुशील सिंह, सुघोष आर्य, स्वदेश कौशिक, मनोज वर्मा, प्रवीण सैनी, सीमा मालिक, प्रमोद कुमार ने बहुत ही प्रभावी एवं रचनात्मक संदेश के साथ वक्तव्य एवं रचना पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन संस्कार भारती के इकाई महामंत्री पंकज शर्मा व सुमन प्रभा ने संयुक्त रूप से किया।