शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। आज जिला पंचायत सभागार मे अपर जिलाधिकारी गजेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में जनपद स्तर पर कार्यरत जनसूचना अधिकारियों व प्रथम अपीलीय अधिकारियों को उ0प्र0 सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 एवं नियमावली 2015 के प्रभावी क्रियान्वयन के सम्बन्ध में कार्यशाला का आयोजन किया गया।
अपर जिलाधिकारी ने अधिकारियों केा सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी अधिकारी समय से मांगी गयी सूचनाओ को उपलब्ध कराने का काम करे और भरसक प्रयास किया जाये कि जो सूचनाएं विभाग से मांगी जाये उसका निचले स्तर पर ही निराकरण कर दिया जाये उसे आयोग तक न जाना पडे। उन्होने कहा कि जन सूचना अधिकारियों का प्रथम दायित्व नागरिकों को सूचना उपलब्ध कराना है। उन्होने कहा कि कार्यालय में जन सूचना अधिकार सम्बन्धित जो भी आवेदन प्राप्त होते है उन पर गम्भीरतापूर्वक विचार कर उन्हें निस्तारित किया जाये। उन्होने कहा कि सूचना का अधिकार आम आदमी का अधिकार है। इसका इस्तेमाल जनहित में होना आवश्यक है तथा जनसामान्य को इसकी जानकारी भी होना जरूरी है। उन्होने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी को समय 30 दिन निर्धारित है। उसी के अंतर्गत वादी को सूचना उपलब्ध कराई जाये।
उन्होंने कहा आवेदक को बीड आउट होने की दिनांक का उल्लेख कर सूचना दिया जाना चाहिए। उन्होने बताया कि ऐसे आवेदन जो विभाग से सम्बन्धित न होकर अन्य लोक प्राधिकरण से सम्बन्धित हो तो उन्हे 5 दिन के अन्दर सम्बन्धित लोक प्राधिकरण को धारा 6-3 के अन्तर्गत हस्तान्तरण कर देना चाहिए और इसकी सूचना आवेदक को उपलब्ध कराई जाये।उन्होने बताया कि मांगी गई सूचना सम्बन्धित लोक प्राधिकरण द्वारा रखे गये या उसके नियंत्रणाधीन अभिलेखों का एक भाग होनी चाहिए। मांगी गई सूचना में ऐसे अनुपलब्ध आंकड़ों का नया संग्रह किया जाना अन्तर्वलित नही होना चाहिए जिनको उपलब्ध कराना किसी अधिनियम अथवा लोक प्राधिकरण के किसी नियम या विनियम के अंतर्गत अपेक्षित नही है। उन्होने बताया कि नियम 4-2-ख-3 के अन्तर्गत मांगी गई सूचना में काल्पनिक प्रश्नों का उत्तर प्रदान करना अन्तर्गस्त नही होना चाहिए। नियम 4-2-ख-4 के अन्तर्गत मांगी गई सूचना में प्रश्न ‘क्यों’ जिसके माध्यम से किसी कार्य के किये जाने अथवा न किये जाने के औचित्य की मांग की गई हो, का उत्तर दिया जाना अन्तर्गस्त नही होना चाहिए। नियम 4-2-ख-5 के अन्तर्गत सूचना इतनी विस्तृत नही होनी चहिए उसके संकलन में संसाधनों का अनअनुपाती रूप से विचलन अन्तर्गस्त हो जाने के कारण सम्बन्धित लोक प्राधिकरण की दक्षता प्रभावित हो जाये।
उन्होने बताया कि सूचना प्राप्त करने के अनुरोध में 500 से अधिक शब्द नही होने चाहिए। थर्ड पार्टी सूचना के सम्बन्ध में उन्होने बताया कि यदि पर व्यक्ति के सम्बन्ध में मांगी गई सूचना अधिनियम के प्रावधानों व नियमावली के नियमों के अनुसार नही दी जा सकती हो तो उस मांग को निर्धारित प्रक्रिया के तहत अस्वीकृत कर दिया जाये। उन्होने बताया कि यदि वांछित सूचना किसी पर व्यक्ति से सम्बन्धित है या उसके द्वारा प्रदान की गई है ओर पर-व्यक्ति द्वारा सूचना को गोपनीय माना गया है तथा जन सूचना अधिकारी का आशय इस सूचना को प्रकट करने का है तो 5 दिन के भीतर पर व्यक्ति को प्रारूप 9 पर नोटिस दिया जायेगा जिसमे 10 दिन के अन्दर उसे अपना पक्ष रखने का आमंत्रण दिया जायेगा। जन सूचना अधिकारी सूचना के प्रकटन के बारे मे निर्णय लेते समय पर व्यक्ति के पक्ष, यदि प्राप्त हुआ हो, को ध्यान में रखेगा।
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि सभी विभागो में जन सूचना अधिकार प्रार्थना पत्रों से सम्बन्धित एक रजिस्टर बनाया जाये और प्राप्त प्रार्थनापत्रों केा रजिस्टर में अकिंत कर उनका निस्तारण किया जाये। इसके अतिरिक्त अपर जिलाधिकारी द्वारा जन सूचना अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत अन्य बिन्दुओ पर भी जानकारी दी गई।
इस अवसर पर जिला जेल अधीक्षक सीताराम सहित सभी विभागो के जन सूचना अधिकारी, सहायक जन सूचना अधिकारी उपस्थित रहे।