गौरव सिंघल, सहारनपुर। मां शाकंभरी विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 49 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की। उपाधि पाकर छात्र-छात्राओं के चेहरे खुशी से खिल उठे। विश्वविद्यालय के 12755 विद्यार्थियों को विभिन्न उपाधियों में प्रविष्ट कराया गया हैं, लेकिन आज दीक्षांत समारोह में कुल 49 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया है, जिनमें 19 छात्र और 30 छात्राएं हैं। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा दी गई पांच आंगनबाड़ी किट का वितरण किया गया। राजभवन द्वारा प्राइमरी स्कूलों के 30 छात्र-छात्राओं को फल, मिष्ठान और 200 पुस्तकें भेंट की गईं।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने इस दौरान कहा कि सभी उपाधियों को डिजी लॉकर में समावेश कर दिया गया है। डिजी लॉकर में उपाधियां रखने से जहां विद्यार्थियों को सुविधा होती है तो वहीं धोखाधड़ी से भी बचा जा सकता है।उन्होंने उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को बधाई दी। इसके साथ ही शिक्षकों को भी बधाई का पात्र बताया। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक अपने अथक प्रयासों से समाज के लिए अच्छे नागरिक तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
यहां जनमंच सभागार में बहुत सादगी और शुरूचिपूर्ण ढंग से उत्साह के साथ आयोजित मां शाकुम्बरी विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज पदक, उपाधि और विशिष्ट योग्यता प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपने कार्यों से परिजनों को प्रसन्न और राष्ट्र को गौरवान्वित करें। उन्होंने कहा कि हम सभी का कत्र्तव्य है कि भारत को पुनः विश्वगुरू के पथ पर आरूढ़ करने के लिए सर्वोत्तम कार्य करे। उन्होंने कहा कि आवश्यकता है कि जो इच्छाशक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में व्यक्त हो रही है, वैसे ही कार्यों की सिद्धि में संकल्पों की भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि इस रूप में भारत के युवा वर्ग और विचारकों की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस मौके पर दो बात पर बहुत जोर दिया। एक यह कि सभी गर्भवती महिलाओं का प्रसव अनिवार्य रूप से सरकारी अस्पतालों में ही कराया जाए, जिससे जन्म लेने वाले बच्चों के स्वस्थ होने की सटीक जानकारियां प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि वही सही वक्त होता है जब आंखों की रोशनी, सुनने-बोलने की क्षमता या अन्य किसी तरह की दिव्यांगता आदि बच्चों के विकारों का समय पर पता लग सकता है और उनका समय रहते उपचार संभव है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भूमिका को बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कुलपति प्रोफेसर हृदय शंकर सिंह और जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र सिंह से खासतौर से कहा कि इन दोनों मामलों पर गंभीरतापूर्वक ध्यान दें और किए गए कार्यों से उनको भी अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इस मामले में बतौर मुख्यमंत्री गुजरात और बतौर राज्यपाल रूचि लेती हैं।
इस अवसर पर मां शाकंभरी विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एचएस सिंह ने छात्रों से दीक्षा पूर्ण होने पर गुरू दक्षिणा के रूप में उनसे मांग की कि वे लोभ और घमंड से हमेशा बचें और सकारात्मक नजरिए से ओत-प्रोत होकर राष्ट्र के सर्वोच्च नागरिक बनें। मुख्य अतिथि पद्मश्री योगाचार्य स्वामी भारत भूषण ने आज उपाधियां अर्जित करने वाले छात्र-छात्राओं को उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद दिया और आशा व्यक्त की कि ये स्नातक इस विश्वविद्यालय और भारत की महान गुरू परंपरा की यश और कीर्ति के ध्वज वाहक सिद्ध होंगे।
समारोह में सांसद प्रदीप चैधरी, राज्यमंत्री जसवंत सैनी, कुंवर बृजेश, जिला पंचायत अध्यक्ष मांगेराम चैधरी, मेयर डा. अजय सिंह, पूर्व मेयर डा. संजीव वालिया, विधायक कीरत सिंह, देवेंद्र निम, जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह, एसएसपी डा. विपिन ताडा समेत अनेक प्रमुख गणमान्य लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे।