शि.वा.ब्यूरो, सहारनपुर। मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले जलवायु परिवर्तन जनित प्रतिकूल प्रभावों के दृष्टिगत कार्बन उत्सर्जन को न्यून करने, कार्बन संग्रहण की मात्रा में वृद्धि एवं वायु व जल की गुणवत्ता में सुधार हेतु वनों की भूमिका सर्व विदित व सर्व स्वीकार्य है। हमारे जीवन व भविष्य को सुखद व समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण योगदान प्रस्तुत करने वाला वनों की भूमिका के प्रति आभार प्रकट करने तथा वृक्षारोपण व वानिकी गतिविधियों से जन सामान्य को जोड़ने हेतु संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 21 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस घोषित किया गया है।
प्रभागीय वनाधिकारी शिवालिक वन प्रभारी श्वेता सैन ने बताया कि वन प्रबन्ध में नवाचार को शामिल करने के प्रति वन प्रबन्धकों को जागरूक व प्रेरित करने हेतु अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस 21 मार्च 2024 की विषयवस्तु वन एवं नवाचार अत्यन्त प्रासंगिक है। शिवालिक वन प्रभाग, सहारनपुर के क्षेत्रान्तर्गत 33229.46 हे0 आरक्षित वन क्षेत्र है जिसके अन्तर्गत पड़ने वाले 320.003 वर्ग कि0मी0 क्षेत्र को केन्द्रीय हाथी परियोजना के अन्तर्गत उ0प्र0 हाथी रिजर्व घोषित किया गया है, इस प्रभाग का पूर्वी भाग राजाजी राष्ट्रीय पार्क, पश्चिम में कलेसर नेशनल पार्क, एवं उत्तर पश्चिम में हिमांचल प्रदेश के सिम्बलवाडा (सिरमौर) नेशनल पार्क से मिलता है, जहां से वन्य जीव उक्त तीन राज्यों से सम्बन्धित राष्ट्रीय पार्क/वन्य जीव विहार क्षेत्रों में आते जाते है, इस प्रकार शिवालिक वन प्रभाग का वन क्षेत्र, वन्य जीवों का कोरीडोर है।
अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस 21 मार्च 2024 के अवसर पर शिवालिक वन प्रभाग, सहारनपुर की मोहण्ड रेंज के अन्तर्गत खजनावर वन निगम डिपों में अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस 21 मार्च 2024 की विषयवस्तु वन एवं नवाचार के सम्बन्ध में कार्यक्रम आयोजित किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस 21 मार्च 2024 के अवसर पर आयोजित किये गये कार्यक्रम में नुक्कड नाटक द्वारा इस साल अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस 2024 की थीम है फॉरेस्ट एंड इनोवेशन के सम्बन्ध में आम जनमानस को जागरूक किया गया।सुश्री श्वेता सैन, प्रभागीय वनाधिकारी, सहारनपुर द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी जनमानस को संदेश दिया कि इस साल का विषय है वन और नवाचार एक बेहतर विश्व के लिए नए समाधान। यह विषय हमें संदेश देता है कि वनों के महत्व को समझकर उनके संरक्षण और प्रबंधन में नवाचारिक समाधानों की आवश्यकता है। आधुनिक युग में, हमें अपने परिवेश के साथी वातावरण के संग्रह के प्रति अधिक सतर्क होना चाहिए। नए और सुगम तकनीकों का उपयोग करके हम नए और सुरक्षित तरीके से वनों का संरक्षण कर सकते हैं।
कार्यक्रम में उप प्रभागीय वनाधिकारी राकेश चन्द्र यादव, क्षेत्रीय वनाधिकारी, बड़कला विशन सिंह यादव, क्षेत्रीय वनाधिकारी, मोहण्ड मनोज कुमार बलोदी, जगन्नाथ कश्यप, क्षेत्रीय वनाधिकारी, शाकुम्भरी, चरण सिंह, ग्राम प्रधान गणेशपुर, हाजीधुमन, वन गुर्जर मुखिया, आखिल, ग्राम प्रधान शेरपुर पेलो, गोपाल सिंह, पूर्व प्रधान बड़कला तथा 50 जनमानस तथा 30 विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहे।