डाँ. राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
मैं कालों का काल हूँ
मैं ही तो महाकाल हूँ।
सत्य का पालनहार हूँ
असत्य का करता
सदा विनाश हूँ।
मैं देवों का देव हूँ
मैं ही तो महादेव हूँ।
अंधकार में करता प्रकाश हूँ
अंत का भी करता आरंभ हूँ
तभी तो मैं परमांनद हूँ।
मैं महाकाली का महाकाल हूँ
करता समय आने पर
काल भी विनाश हूँ
तभी तो सदाशिव महाकाल हूँ।
युवा कवि व लेखक गांव जनयानकड़ (कांगड़ा) हिमाचल