शि.वा.ब्यूरो, सहारनपुर।जिलाधिकारी डॉ0 दिनेश चंद्र की अध्यक्षता में कलेक्ट्रट स्थित नवीन सभागार में जिला स्वास्थ समिति तथा माह अप्रैल में चलाये जा रहे संचारी रोग अभियान एवं दस्तक अभियान की समीक्षा बैठक आहूत की गयी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी सुमित राजेश महाजन भी मौजूद रहे। समीक्षा के दौरान संबंधित अधिकारी को टीमें बनाकर सभी चिकित्सालयों की व्यवस्था जांचने के निर्देश दिए। इसके साथ जांच के लिए गठित टीम चिकित्सकों के व्यवहार, आचरण और मरीजों के प्रति संवेदनशीलता को भी परखेगी। उन्होंने कहा कि संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के लिए सभी चिकित्सक अपने दायित्वों का भली प्रकार से निर्वहन करते हुए संस्थागत प्रसवों में बढोत्तरी लाना सुनिश्चित करें। सभी सीएचसी, पीएचसी एवं हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर स्वास्थ्य संबंधी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा जाए। जननी सुरक्षा योजना में पात्रों का समय से भुगतान किये जाने के साथ जिन स्थानों पर भुगतान अपेक्षाकृत काफी कम हुआ है उनकी प्रगति की साप्ताहिक रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। आशाओं के मानदेय का भुगतान समय से किया जाए। आशाओं एवं आंगनबाडी कार्यकत्रियों की डोर-टू-डोर विजिट बढाई जाए ताकि नियमित टीकाकरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण हो सके।सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा जिला चिकित्सालयों में ओपीडी की संख्या बढाई जाए मरीजों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े।
जिलाधिकारी डा.दिनेश चन्द्र ने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान का उददेश्य डेंगू, चिकनगुनिया जे०ई०/ए०ई०एस० रोग के प्रति जनता को जागरूक करना है।उन्होंने सभी को निर्देशित किया कि अभियान के बाद भी सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारी के साथ संक्रामक रोगो से बचाव हेतु आगे भी कार्यवाही करते रहे तथा मलेरिया उन्मूलन के लिये किये जा रहे प्रयासों को जारी रखा जाये जिससे राज्य मुख्यालय द्वारा लक्षित मलेरिया मुक्त जनपद प्रथम स्थान प्राप्त कर सके। जिला मलेरिया अधिकारी शिवांका गौड द्वारा बताया गया कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अन्तर्गत ग्राम प्रधानों द्वारा 2592 प्रभात फेरी निकाली गयी। ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधानों की 884 बैठक हो चुकी है। वी०एच०एन०सी० की बैठक 884 हो चुकी है। पंचायत राज विभाग द्वारा 3488 नालियों की साफ-सफाई कराई गयी। 3488 झाडियों की कटाई कराई गयी। चूहा एवं छछून्दर रोकथाम हेतु 847 बैठके की गयी। नगर निगम द्वारा 70 वार्डों में नालियों की सफाई कराई जा चुकी है। 70 वार्डों में फॉगिंग कराई गयी है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 89 कुपोषित बच्चे चिन्हित किये गये जिनमें से 13 अति कुपोषित बच्चों को एन०आर०सी० में भर्ती कराया गया। पशुपालन विभाग द्वारा 3029 सूकर पालकों की बैठक कराई गयी। इसके अन्तर्गत की गयी कार्यवाही कुल टीमों की संख्या-3029, वी०एच०एन०सी० बैठकों की संख्या-1008, आशा द्वारा गृह भ्रमण की संख्या-587515, मातृ बैठकों की संख्या-1758, ए०ई०एस० पर चर्चा के लिये वी०एच०एन०डी० आयोजक दिवसों की संख्या-1758, क्लोरीनेशन डेमों स्थल की संख्या-2574, बुखार रोगी- 187, बनाई गई रक्त पट्टिका 187, क्षय रोग के लक्षणयुक्त व्यक्तियों की संख्या- ०. आशा द्वारा चिन्हित कुपोषित बच्चों की संख्या- 92 तथा एन०आर०सी० संदर्भित कुपोषित बच्चों की संख्या-13 है।
समीक्षा बैठक में शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, जल संस्थान, नगर निगम, पंचायत विभाग, महिला एवं बाल विकास, मनोरंजन विभाग, ग्राम विकास विभाग, सूचना विभाग, पशुपालन विभाग, मत्सय विभाग, स्वच्छ भारत मिशन, नागरिक सुरक्षा विभाग, एन०जी०ओ०, यूनिसेफ / कौर एवं आई०एम०ए० के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। जिलाधिकारी डा.दिनेश चन्द्र ने आमजन का आवाहन करते हुए कहा कि वह अपने-अपने घरो में पानी से भरे पात्र को एक सप्ताह में खाली कर दिया जाये ताकि उसमें डेंगू व मलेरिया का लार्वा की ब्रीडिंग न हो पाये जिससे संक्रामक रोगों से बचा जा सकें। सप्ताह में एक दिन कूलर, पुराने टायर, में बरसात के पानी को खाली कराये, हाथ धोना, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। जिससें डेंगू, मलेरिया, होने वाली समस्त संचारी रोगों से बचा जा सकें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० संजीव मांगलिक द्वारा लू से बचाव हेतु की गयी तैयारी के बारे भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लू (हीट बेव) के दृष्टिगत जनपद ब्लॉक स्तर पर इलाज की समुचित व्यवस्था के लिये ओआरएस एवं आईवी पल्यूड आदि का पर्याप्त स्टॉक करा दिया गया है। मानव संसाधन को भी अलर्ट कर दिया गया है। ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों पर आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करा दी गई है। माह अप्रैल, मई व जून लू (हीट बेव) के प्रकोप के माह माने गये। जनपद में अभी तक कोई अप्रिय घटना रिपोर्ट नहीं हुई है। प्रतिदिन ग्रामीण व शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों से लू (डीट बेव) की रिपोर्ट संकलित कर शासन को प्रेषित की जाती है। जनपद स्तर से ब्लॉक स्तर के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को जल जनित बीमारी, निज स्वाच्छता व सफाई के लिये संवेदनशील कर दिया गया है। मच्छरों से बचाव हेतु फॉगिंग व लार्वा स्प्रे नियमित रूप से किया जा रहा है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों हेतु एडवाइजरी जारी कर दी गयी है। महामारी की दशा में त्वरित कार्यवाही हेतु रैपिड रिस्पान्स टीम (आर०आरटी) का गठन कर दिया गया है।
तेज धूप में निकलने से बचे, अगर तेज धूप में निकलना जरूरी है तो निकलते वक्त छाता लगा लें या टोपी पहन ले एवं ऐसे कपडे जिससे शरीर अधिक से अधिक ढका रहे, यात्रा करते समय अपने साथ पर्याप्त मात्रा में पीने का स्वच्छ पानी रखे। ओ०आर०एस० घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी, नीबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें। ताकि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके, घरेलू/पालतू जानवरों को छायादार स्थानों पर रखें और उन्हे पर्याप्त मात्रा में पानी पीने को दें। अपने घरों को ठंडा रखें, दरवाजे व खिडकियों पर पर्दे लगवाना उचित होता है। सायंकाल व प्रातः के समय घर के दरवाजे खिडकियों को खोलकर रखें ताकि कमरें ठंडें रहे। श्रमसाध्य कार्यों को ठंडे समय में करने/कराने की प्रयास करें। कार्यस्थल पर पीने के ठंडे पानी की व्यवस्था करें। कर्मियों को सीधी सूर्य की रोशनी से बचने हेतु सावधान करे। पंखे, गीले कपडों का उपयोग करें तथा स्नान करे, गर्भस्थ महिलाओं, छोटे शिशुओं व बड़ी उम्र के लोगों की विशेष देखभाल करें।
चाय, कॉफी पीने से परहेज करें।बासी भोजन अथवा खुले बिकने वाला गन्ने/अन्य फलों का रस, कटे फल, खुली तली-भुनी खाद्य वस्तुये एवं प्लास्टिक के पाउच में बिकने वाले पेयजल एवं खाद्य पदार्थ के प्रयोग ना करें, यदि सम्भव हो तो दोपहर 11.00 बजे से अपरान्ह 4.00 के मध्य धूप में निकलने से बचे। गहरे रंग के भारी तथा तंग कपडे न पहनें, जब बाहर का तापमान अधिक हो तो श्रमसाध्य कार्य न करें।
हीट-स्ट्रोक का उपचार तथा फर्स्ट-एड- मनुष्य के शरीर के उच्च तापमान को नियंत्रित कर 100 डिग्री फा० तक रखने का प्रयास करें, मरीज को ठण्डी जगह में रखें। मरीज को ठण्डी हवा करें तथा उसके शरीर को स्पंज अथवा गीले कपडे से पोछे, बेहोशी व झटके की स्थिति में मरीज के मुँह में कुछ भी नहीं डालें। झोला छाप डाक्टरों के पास ना जायें, घर के आस पास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें, इधर-उधर कूड़ा-कचरा व गंदगी न फैलाएं। बैठक में समस्त सीएचसी एवं पीएचसी से चिकित्सक मौजूद रहे।