मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। अखिल असम भोजपुरी परिषद के अध्यक्ष युगल किशोर त्रिपाठी द्वारा हिन्दी भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस एंड टाक शौ कार्यक्रम में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों एवं मिडिया ने हिस्सा लिया। श्री त्रिपाठी ने स्वागत संबोधन में दुख व्यक्त किया कि बराकघाटी में लाखों हिंदी भाषी तीन लाख बिष्णुप्रिया मणिपुरी एवं साढ़े तीन लाख से अधिक डिमासा है, लेकिन असम में दोयम दर्जें के नागरिक है, इसलिए तीनों समुदायों की भाषाओं को असोसिएट लंग्वेज बनाने के लिए असम सरकार से निवेदन करते हैं, जबकि राष्ट्र पति कार्यालय ने स्वत संज्ञान लेकर दो बार असम सरकार के मुख्य सचिव को इंडोर्स किया है।
राजकुमार दुबे ने द्वीप प्रज्ज्वलित करते हुए कहा कि आज की छोटी सी मांग भविष्य की बङी लङाई के रूप में प्रयास जारी रहेगा। कृष्ण रुकमणी कलाक्षेत्र के पंडित हरिकांत शास्त्री ने विस्तृत जानकारी देते हुए भविष्य में आंदोलन जारी रखने के लिए कहा कि मैं बिष्णुप्रिया मणिपुरी का सलाहकार के नाते राष्ट्र पति के इंडोर्समेंट पर असम सरकार को तुरंत अमल करना चाहिए। मुख्य वक्ता समाजसेवी एवं शिक्षाविद विधान सिंहा ने कृष्ण रुकमणी कलाक्षेत्र में तीन मार्च को टाक शौ में बिष्णुप्रिया मणिपुरी डिमासा एवं हिंदी को असोसिएट लंग्वेज बनाने के लिए एक मांग की गई थी उस पर चर्चा की गई। जिसमें विभिन्न भाषा भाषी संगठनों ने हिस्सा लिया। उसमें सबने एकमत से बराकघाटी में तीनों भाषाओं को असोसिएट लंग्वेज बनाने के लिए विचार विमर्श किया। इस पर देश के महामहिम राष्ट्र पति ने स्वत संज्ञान लेते हुए पंद्रह दिन में दो बार इन्डोर्समेंट असम सरकार के मुख्य सचिव को किया जिससे हमें बहुत खुशी हुई। 12 मार्च एवं 28 मार्च के दोनों पत्रों का अभी तक असम सरकार ने कोई जबाब नही दिया ना ही कोई कार्यवाही की हम चुनाव के बाद फिर चर्चा करेंगे लेकिन सभी दलों के प्रत्याशियों से निवेदन है कि इसे मुद्दा बनाकर हमारा सहयोग करें तो तीन समुदाय निश्चित रूप से उनके साथ होगा।
मौसम खराब होने के कारण अधिकांश लोग नहीं आ पाये।
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