आएनाखाल चाय बागान में मुलुक चलो आंदोलन की 103वीं वर्षगांठ मनाई

मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। आएनाखाल चाय बागान में मुलुक चलो आंदोलन की 103वीं वर्षगांठ मनाई गई। वरिष्ठ समाजसेवी घनश्याम पांडेय के अध्यक्षता में आएनाखाल नाच घर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।दीप प्रज्वलन और प्रतीक चिन्ह पर पुष्प अर्पित करके मंचासीन अतिथियों और उपस्थित लोगों ने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। शहीदों की आत्मा की शांति के लिए मौन पालन किया गया।

वरिष्ठ समाजसेवी रूपनारायण राय ने प्रस्तावित वक्तव्य में आंदोलन के बारे में लोगों को जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम आयोजक मंडल के सदस्य राजेंद्र पांडेय व राजकुमार भर ने शहीदों को अपने वक्तव्य से श्रद्धांजलि दी। 
वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी दिलीप कुमार ने कहा कि अंग्रेजों ने बांग्लादेश के चांदपुर में चरगोला वैली के निहत्थे श्रमिकों, बच्चों, औरतों पर घेरकर अंधाधुंध फायरिंग की, पद्मा का पानी निर्दोष लोगों के खून से लाल हो गया। जलियांवाला बाग कांड से भी भयंकर कांड हुआ। 21 मई 1921 को घटित मुलुक चलो आंदोलन को इतिहासकारों ने जलियांवाला बाग कांड के समान घटना बताया है। भावी पीढ़ी को इस घटना के बारे में जागरूक करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्थानीय शिक्षाविद भारत भूषण चौहान ने मुलुक चलो आंदोलन के शहीदों को स्मरण किया।
सभाध्यक्ष घनश्याम पांडेय ने कहा कि शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले। जन जागरण के लिए प्रयास जारी रहना चाहिए‌। कार्यक्रम का संचालन कोइया के सामाजिक कार्यकर्ता रामकुमार नुनिया ने किया। समारोह में उपस्थित अन्य प्रमुख व्यक्तियों में मनोज कुमार रुद्रपाल, सियाराम चौहान, सत्यनारायण तेली, विष्णु भर, संतोष राय, शिवकुमार नुनिया, रामलाल भर, बलिराम नुनिया, किशन कोल आदि शामिल थे।

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