मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। राहत शिविरों में रहने वालों के बीच राहत सामग्री भी वितरित की गई। कुल 146.42 क्विंटल चावल, 428.1 क्विंटल दाल, 4.43 क्विंटल नमक और 862.25 लीटर सरसों का तेल वितरित किया गया। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में मोमबत्तियाँ भी वितरित की गईं। डीडीएमए प्राधिकरण ने पुष्टि की है कि बाढ़ की लहर से कोई तटबंध, सड़क या पुल क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है। बाढ़ के कारण किसी मानव जीवन की हानि या लापता होने की कोई खबर नहीं है।
बता दें कि काठीघोङा, लखीपुर, सिलचर, उधारबंदऔर सोनाई राजस्व मंडल बाढ़ से प्रभावित थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि कछार जिले के कुल 150 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 75 गांव कटिगोराह राजस्व मंडल के अंतर्गत, 4 गांव लखीपुर राजस्व मंडल के अंतर्गत, 32 गांव सिलचर राजस्व मंडल के अंतर्गत, 16 गांव सोनाई के अंतर्गत और 23 गांव उधारबंद के अंतर्गत आते हैं। कछार जिले के विभिन्न हिस्सों में खोले गए 51 राहत शिविरों में कुल 12110 पिङित परिवार रहे हैं, जिनमें से 4,592 पुरुष, 4,622 महिलाएं और 2,896 बच्चे हैं। इसके अलावा, राहत वितरण केंद्रों में कुल 120 गैर-शिविर पिङित भी हैं, जिनमें से 48 पुरुष, 35 महिलाएं और 37 बच्चे हैं। सिलचर राजस्व मंडल के अंतर्गत सिलचर नगर परिषद के 12 वार्डों में कुल 12047 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 4546 पुरुष, 5245 महिलाएं और 2256 बच्चे हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कछार जिले में बाढ़ से कुल 850 जानवर प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 300 बड़े, 150 छोटे और 400 मुर्गियां हैं।