यमुना नदी में पानी का स्तर गिरने से फसलों की सिंचाई का संकट गहराया

शि.वा.ब्यूरो, सहारनपुर। यमुना नदी में पानी का स्तर गिर जाने से फसलों की सिंचाई का संकट गहरा गया है। अपर खंड पूर्वी यमुना नहर के अधिशासी अभियंता  अभिमन्यु सिंह ने बताया कि मांग के अनुसार पानी की किल्लत है।15 मई से टिहरी बांध से पानी की आपूर्ति बंद हो जाएगी जिससे शामली और जनपदों में सिंचाई के लिए पानी की और कमी हो जाएगी। सहारनपुर जिले में पूर्वी यमुना नहर और खारा परियोजना से संबद्ध रजवाहे और माईनर से हजारों हेक्टेयर फसल की सिंचाई होती है। जिले में 22 रजवाहे और 54 माईनर हैं। गंगनहर बंद हो जाने से दिक्कतें और बढ़ जाएंगी। पानी की किल्लत को देखते हुए सिंचाई विभाग ने रोस्टर प्रणाली लागू कर दी है। जिसमें एक बार में तीन से चार रजवाहे और उनसे जुड़े माईनर को ही पानी मिल पाता है। 

अधिशासी अभियंता के अनुसार वर्तमान में पूर्वी यमुना नहर में 1000 क्यूसेक पानी मिल रहा है। वह भी मात्र पांच-छह घंटे। यानि पूरे दिन में 600 क्यूसेक पानी मिल रहा है। जबकि आवश्यकता दो से ढाई हजार क्यूसेक पानी की है।15 मई से टिहरी संयंत्र मरम्मत और सफाई के लिए बंद हो जाएगा। उससे देवबंद की समानांतर गंगनहर 45 दिन बंद रहेगी। जिससे पूर्वी यमुना नहर पर और भार बढ़ जाएगा।

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