नर्सिंग की सेवा को जानो (नर्स दिवस पर विशेष)

डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। 
नर्स नर्स कह सभी बुलाते।
परिचारिक बन तुम आ जाते।।1
सिस्टर सिस्टर भाई भाई।
जग की सेवा लक्ष्य बनाई।।2
कोई दीदी सिस्टर कहते।
मेल नर्स को भैया कहते।।3
नर्सिंग सेवा जग सुखदाई।
रोगी के हो तुम ही भाई।।4
पीड़ाहारी तुम सुख दाता।
सेवा करते भाग्य विधाता।।5
डॉक्टर भी तुम्हें बुलाये।
रोगी का सब हाल बताये।।6
समय समय पर गोली देते।
इंजेक्शन बाटल भी करते।।7
हटा मवाद सफाई करके।
घावों में चूरण को भरते।।8
चीरफाड़ और टांक लगाते।
शल्यक्रिया में सहाय कराते।।9
राम राम रोगी चिल्लाते।
पीड़ा पाकर बहुत कराहते।।10
धैर्य और विश्वास बढ़ाते।
उनको अपना प्यार लुटाते।।11
नरक जगत से तुम हि छुड़ाते।
रोगी के दिल में बस जाते।।12
पास तुम्हारे रोता आये।
स्वस्थ होकर घर को जावे।।13
मानवता के तुम हो पुजारी।
करत बड़ाई दुनिया सारी।।14
टेरेसा भी नोबल पाई।
सेवा जग में भूम मचाई।।15
प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तनोड़िया, जिला- आगर (मालवा) मध्यप्रदेश

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