नवनिर्वाचित सांसद चंद्रशेखर ने की मौलाना सैयद अरशद मदनी से मुलाक़ात

गौरव सिंघलदेवबंद। भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से नव  निर्वाचित सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने आज देवबंद पहुंचकर मौलाना सैयद अरशद मदनी से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान मौलाना सैयद अरशद मदनी ने नगीना से नव निर्वाचित सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को सांसद निर्वाचित होने पर मुबारक बात दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। 

बता दें कि सहारनपुर ने देश को दलित सियासत का नया चेहरा देने का काम किया है। ऐसा लग रहा है कि अब मायावती का सूरज अस्त हो गया है और राजनीतिक क्षितिज पर चंद्रशेखर के रूप में नया सूरज उगा है। पिछले आठ-नौ सालों में जैसे-जैसे मायावती और उनकी पार्टी बसपा का ग्राफ अस्तांचल की ओर ढलना शुरू हुआ, वैसे ही उसके विकल्प के तौर पर दलित बहुल सहारनपुर ने एक ऊर्जावान युवक के रूप में चंद्रशेखर सामाजिक असमानताओं से संघर्ष कर दलित समाज में अपनी स्वीकार्यता कराने में सफल रहे हैं। इसका पुरस्कार उन्हें अबकी नगीना सुरक्षित सीट से लोकसभा में विजयी होने के रूप में मिला। मतगणना के दिन मंगलवार को बिजनौर में मतगणना स्थल और पूरे बिजनौर शहर में दलित युवाओं का जो जोश-ओ-जुनून चंद्रशेखर और उसकी जीत को लेकर देखा गया वह चंद्रशेखर के बढ़ते कदमों की ओर साफ इशारा करता है। 

इसी जगह रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और युवा चंदन चौहान की भी मतगणना हो रही थी, लेकिन आकर्षण का केंद्र चंद्रशेखर थे। दोनों ने एक-दूसरे  को बधाईयां भी दीं थी और उनके सफल सियासी सफर की शुभकामनाएं भी दी। चंद्रशेखर जैसे समाज में अलग-थलग पड़े हैं वैसे ही मौजूदा सियासी दलों ने भी उनसे वैसा ही किनारा किया। लेकिन चंद्रशेखर का करिश्माई व्यक्तित्व ऐसा था कि सभी प्रमुख दलों के प्रत्याशी उनके सामने कहीं नहीं टिके। चंद्रशेखर सहारनपुर के कस्बा छुटमलपुर निवासी एक शिक्षक के पुत्र हैं। कुछ समय पूर्व उन्होंने भीम आर्मी नामक सामाजिक संगठन की स्थापना की थी और बाद में सियासी थपेड़ों ने उन्हें आजाद समाज पार्टी नाम की राजनीतिक पार्टी खड़ी करने को मजबूर किया। उन्होंने गैर भाजपाई दलों से टिकट लेने की कोशिश की लेकिन उन्हें अपना उम्मीदवार बनाने को अखिलेश यादव, राहुल गांधी और मायावती कोई तैयार नहीं हुआ। उनकी हिम्मत ने जवाब नहीं दिया और वह आज जब सियासी दलों का समाज पर जबरदस्त वर्चस्व बना हुआ है तब बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में कूदने का साहस दिखाया और 511812 मतदाताओं ने उन्हें लोकसभा में प्रवेश दिला दिया। उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार एवं विधायक ओम कुमार को 262061 के भारी अंतर से पराजित किया। दिलचस्प है कि सहारनपुर से जीते इमरान मसूद का दावा है कि दोनों ने इस चुनाव में एक-दूसरे की जमकर मदद की। उन्होंने नगीना में  मुसलमानों का समर्थन दिलाया तो बदले में चंद्रशेखर की पूरी टीम सहारनपुर में इमरान के साथ खड़ी थी। सहारनपुर से इस बार तीन लोग अलग-अलग स्थानों से चुनाव लड़े जिनमें इमरान मसूद और चंद्रशेखर को सफलता मिली लेकिन यहां के कस्बा देवबंद के युवा बाल्मिकी नेता जसबीर बाल्मिकी हाथरस सुरक्षित सीट पर भाजपा के अनूप बाल्मिकी से पराजित हो गए। भाजपा को 538229 और जसबीर बाल्मिकी को 292485 वोट मिले।

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