बदलाव

डाँ. राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

बरसती बारिश की तरह
बरस मत जाना।
रंगो के साथ खेलते हुए
मोहब्बत के रंग
रंग मत जाना।
जिस्म की चाहत में
रूह से मोहब्बत
कर न बैठना।
दिल्लगी करते-करते
कही दिलदार
बन न बैठना।
आबाद करते हुए
लोगो को इश्क़ में
खुद महोब्बत में
बर्बाद न हो जाना।

युवा कवि व लेखक गांव जनयानकड़ (कांगड़ा) हिमाचल

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