सेवा शिविर में मर्मदाब चिकित्सा पद्धति से किया कांवडियों का उपचार

सचिन गुप्ता, खतौली। कांवड़ सेवा शिविर में स्वर्गीय लाल रामचंद्र साहब रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष शांति दूत डॉ अंकुर प्रकाश गुप्ता "मानव" ने एक अनोखी पहल की। उन्होंने कावड़ यात्रियों के लिए पांच हजार साल पुरानी चिकित्सा पद्धति मर्मदाब चिकित्सा के माध्यम से उपचार किया।

डॉ गुप्ता ने बताया, "मर्मदाब चिकित्सा पद्धति प्राचीन भारतीय चिकित्सा विज्ञान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पद्धति विभिन्न प्रकार के रोगों के इलाज में अत्यंत प्रभावी है। हमने इस सेवा को कांवड़ यात्रियों के लिए उपलब्ध कराकर उनके स्वास्थ्य की देखभाल का प्रयास किया है।" शिविर में आए कांवड़ यात्रियों को विभिन्न रोगों जैसे पीठ दर्द, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों की समस्या और अन्य शारीरिक समस्याओं के लिए मर्मदाब चिकित्सा दी गई। इस पद्धति में शरीर के विशिष्ट मर्म स्थलों पर दबाव डालकर रोगों का इलाज किया जाता है। डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि इस पद्धति से उपचार पाने वाले कई यात्रियों ने तत्काल राहत महसूस की। शिविर में निशुल्क चिकित्सा सेवा के साथ-साथ, स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलाने के लिए भी विशेष सत्र आयोजित किया गए। "स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से हमने यह कदम उठाया है।" इस अवसर पर, शिविर में उपस्थित लोगों ने डॉ गुप्ता के प्रयासों की सराहना की और कहा कि ऐसी सेवाएं कांवड़ यात्रियों के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। 
कार्यक्रम में उपस्थित भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति के जिला अध्यक्ष ठाकुर नीरज सिंह, सलाहकार मनोज राजपूत एवं अन्य सदस्यों ने भी डॉ गुप्ता के योगदान की प्रशंसा की और कहा कि इस प्रकार की चिकित्सा सेवाएं समाज के सभी वर्गों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। डॉ अंकुर प्रकाश गुप्ता के इस प्रयास ने कांवड़ सेवा शिविर में आए सभी यात्रियों को नई ऊर्जा और स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया है, जो कि एक सराहनीय पहल है। इस अवसर पर अशोक जैन, सचिन गुप्ता, सुमित गुप्ता, जय भगवान भूरु, प्रिंस राजपूत, वासु, अनीता राजपूत, आकृति, नित्या, नवीन कुमार, लक्ष्मण सिंह, श्याम सिंह, लक्ष्मी, पूजा राजपूत, अनु और सीमा सहित अनेक महिलाएं उपस्थित रही।
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