मीरापुर उप चुनाव को लेकर प्रमुख दलों की तैयारियां तेज

गौरव सिंघल, सहारनपुर। मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव की तैयारियों को लेकर सभी प्रमुख दल कमर कसे हुए हैं। उपचुनाव बेहद रोचक होने वाले हैं। वजह इंडिया और एनडीए गठबंधन  दोनों प्रदेश की सभी दस सीटों जिन पर उपचुनाव होने वाले हैं जीतने की मंशा रखते हैं। मीरापुर सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा समर्थित रालोद उम्मीदवार चंदन चौहान जीते थे। चंदन चौहान बिजनौर सीट से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। रालोद एनडीए गठबंधन में शामिल हैं। विधानसभा चुनाव की तुलना में लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र में चंदन चौहान की जीत का ग्राफ गिरा है, वजह मीरापुर मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में माहौल सपा-कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में था और भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा। विधानसभा उपचुनाव को योगी आदित्यनाथ प्रतिष्ठा का सवाल बनाए हुए हैं। पार्टी के भीतर एक बड़ा तबका योगी आदित्यनाथ को हटवाने पर लगा हुआ है। यदि उपचुनाव नतीजे भाजपा के पक्ष में नहीं गए तो योगी के नेतृत्व पर गंभीर सवाल खड़े हो जाएंगे। 

मुख्यमंत्री ने अपने काबिना मंत्री और अनुसूचित जाति के जनाधार वाले नेता अनिल कुमार को मीरपुर क्षेत्र का प्रभारी मंत्री बनाया है। उनके साथ गुर्जर बिरादरी के भाजपा नेता और ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेंद्र तोमर और जाट बिरादरी के बागपत के भाजपा नेता और राज्यमंत्री केपी मलिक को लगाया है। मीरापुर क्षेत्र में जाट और गुर्जर दोनों बिरादरियों का प्रभाव है और दोनों वर्ग भाजपा के साथ खड़े हैं। समीक्षकों के मुताबिक इंडिया और एनडीए गठबंधन हिंदू गुर्जर बिरादरी के जनाधार वाले व्यक्ति का चयन करने के प्रयासों में लगे हैं। नगीना के निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद भी अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे और मायावती बसपा से उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। जयंत चौधरी का मीरापुर सीट पर निर्णायक असर होने के कारण प्रत्याशी चयन में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहनी है। इसलिए टिकटार्थी उन्हीं के चक्कर काट रहे हैं। योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ जयंत चौधरी के लिए भी मीरापुर प्रतिष्ठापूर्ण सीट है। सांसद चंदन चौहान को भी अपनी जीत को जायज ठहराने के लिए उपचुनाव में पसीना बहाना होगा। यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि टिकट चयन में मंत्री अनिल कुमार और सांसद चंदन चौहान की कितनी चलती है। कई पूर्व सांसद और नेता जयंत चौधरी पर टिकट के लिए दबाव बनाए हुए हैं। दूसरी ओर सपा के मुख्य प्रवक्ता और राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र सिंघल से कहा कि अखिलेश यादव उपचुनाव में भी लोकसभा चुनाव जैसी कारगर रणनीति और प्रत्याशी चयन पर ध्यान दे रहे हैं।

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