केंद्र सरकार की स्थिरता को लेकर कांग्रेस के दुष्प्रचार में दम नहीं: केसी

सुरेंद्र सिंघल, नई दिल्ली। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल केंद्र में हाल ही में बनी एनडीए सरकार की स्थिरता को लेकर लगातार देश में भ्रम फैला रहे हैं कि यह सरकार जल्द गिर जाएगी। सरकार को समर्थन दे रहे एक बड़े घटक दल जनता दल यूनाइटेड के सलाहकार एवं मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने आज विपक्ष के दुष्प्रचार का दो टूक जवाब दिया। बोले कि कुछ अंतराल को छोड़कर जेडीयू अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के समय से ही एनडीए के आकार लेने के समय से ही भाजपा की सहयोगी रही है।

75 साल के होने जा रहे कृष्णचंद त्यागी जो केसी त्यागी के नाम से जाने जाते हैं और जिनकी सदैव ही नागरिकों की लोकतांत्रिक अधिकारों, अभिव्यक्ति की आजादी और प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर प्रतिबद्धता रही है, ने यह बाते वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र सिंघल से खास बातचीत में कही। केसी त्यागी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पांच दशकों से जाना-माना सियासी चेहरा रहे हैं। उन्होंने चौधरी चरण सिंह, शरद यादव, मुलायम सिंह यादव, चौधरी अजीत सिंह, जार्ज फर्नांडिस, नीतीश कुमार के साथ काम किया है। उनका नीतीश कुमार के साथ अभी भी गहरा नाता बना है। केसी त्यागी अटल बिहारी वाजपयी के प्रशंसकों में भी हैं। उन्हें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का करीबी भी माना जाता है। केसी त्यागी एक बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। कई मौकों पर उनकी निजी विचारधारा और सोच राजनीतिक उपलब्धियां हासिल करने में बाधा साबित हुई लेकिन इसका उन्हें मलाल नहीं है। 

केसी त्यागी ने कहा कि जेडीयू का बीजेपी को समर्थन बिना शर्त है। उन्होंने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार आराम से चल रही है। बिहार प्रांत बंटने के बाद गरीबी, बदहाली, बेरोजगारी और पलायन की मार झेल रहा है। उसे विकसित राज्य बनाने के लिए और उद्योगों में निवेश के लिए आकर्षित करने के लिए वहां नए हवाई अड्ड़ों, नए उद्योगों, मेडिकल कालेजों के लिए आर्थिक पैकेज की बहुत जरूरत है। जेडीयू उम्मीद करती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर जल्द ही ध्यान देंगे। केसी त्यागी ने स्वीकार किया कि यदि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से कुछ गलतियां न हुई होती और उनके नेता बेकार की जिद्द ना किए होते तो जेडीयू इंडिया गठबंधन से बाहर नहीं आती। जेडीयू चाहती थी कि नीतीश कुमार संयोजक बनाए जाएं। लेकिन प्रधानमंत्री पद जैसी कोई बात नहीं थी। यह अलग बात है कि दिल्ली में कांग्रेस में पीएम पद को लेकर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के नामों को लेकर सुगबुगाहट थी। कांग्रेस के गैर पेशेवराना रवैए ने इंडिया गठबंधन को क्षति पहुंचाई। यदि ऐसा ना होता तो इंडिया गठबंधन केंद्र में सत्तारूढ़ हो जाता।

अंत में केसी त्यागी ने दृढ़ता से कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार पांच साल चलेगी। उसे कोई खतरा नहीं है। कांग्रेस इस सरकार को अस्थिर नहीं कर पाएगी। एनडीए सरकार के कामकाज पर हमारी नजर रहेगी।

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