सिंधली नदी के पुनर्जीवन का अभियान शुरू

गौरव सिंघल, सहारनपुर। जिले की सभी प्रमुख नदियां कृष्णाकालीहिंडन और ढमोला सभी का पानी बेहद प्रदूषित हो गया है। ये नदियां करीब-करीब मृत हो गई हैं और उनका पानी इस लायक नहीं बचा है कि जल जीव का अस्तित्व बना रह सके। जिलाधिकारी मनीष बंसल जिन्होंने संभल जनपद में बतौर डीएम 130 किलोमीटर लंबी मृत हो गई सोती नदी को पुनर्जीवित कर प्रतिष्ठा अर्जित की है तो उन्होंने यहां की नदियों को पुनर्जीवित करने के एनजीटी के निर्देशों का संज्ञान लेते हुए अलग-अलग नदी के लिए कार्य योजना तैयार की है और विशेषज्ञों एवं जल प्रबंधन के माहिरों से बातचीत की है। उन्होंने पर्यावरणविदों  को भरोसा दिया है कि सभी संभव संसाधनों और तकनीक एवं जन सहयोग के जरिए सहारनपुर की सभी प्रमुख मृत एवं विषैली हो गई नदियों में पुनर्जीवन लौटाने के हर भरसक प्रयास करेंगे। 

उन्होंने बताया कि एसडीएम नकुड़ संगीता राघव की अगुवाई में राजस्व विभाग ने नकुड़ क्षेत्र में विलुप्त हो गई 75 वर्ष पुरानी सिंधली नदी के क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू कर दिया है। जिले की ये सभी नदियां यमुना की सहायक नदियां हैं और तीन दशक पहले तक उनमें पर्याप्त जलप्रवाह था और पानी भी साफ और स्वच्छ था। जल जीव प्रवास करते आंखों से दिखते थे और उनके पानी से आसपास के खेतों की अच्छी सिंचाई होती थी, लेकिन जलवायु परिवर्तन के चलते हिमालय की पहाड़ियों पर ग्लेशियर का आकार सिकुड़ गया है। प्रदूषण और तापमान बढ़ने से ग्लेशियर जल्दी गल रहे हैं, जिससे इन नदियों में उनकी क्षमता के मुताबिक पानी उपलब्ध नहीं होने से  और इन नदियों में नालों और औद्योगिक इकाइयों का प्रदूषित पानी गिरने से वे जीवन दायिनी की अपनी पहचान खो चुकी हैं और खुद भी मर गई हैं और उनके प्रदूषित जल से उनमें रहने वाले जीव-जंतु का अस्तित्व भी संकट में है।


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