जिला उद्यान अधिकारी ने अपने विभाग की योजनाएं बतायी

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अन्तर्गत वर्ष 2024-25 में 205 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण ईकाईयॉ स्थापित करने व उन्हें उच्चीकरण हेतु लक्ष्य जनपद को प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि इच्छुक व्यक्ति परियोजना लागत के 35 प्रतिशत क्रेडिट केपिटल सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि 30 लाख या इससे अधिक के प्रस्ताव पर अनुदान की अधिकतम सीमा 10 लाख होगी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत बेकरी उद्योग, पशु एवं मुर्गी चारा उद्योग, दाल मिल, राईस मिल, आटा चक्की, तेल मिल, डेरी (दुग्ध उत्पादन) से सम्बन्धित हर्बल उत्पाद उद्योग, मशरूम उत्पाद से सम्बन्धित उद्योग, पॉपकॉन से सम्बन्धित उद्योग, रेडी टू कुक आदि 37 उद्योग से सम्बन्धित व्यक्ति लाभ उठा सकते हैं।

जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि उनके विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कृषकों बागवानों के प्रक्षेत्रों पर ड्रिप या स्प्रिंकलर सिस्टम की स्थापना करायी जाती है, जिस पर कृषकों को 80 से 90 प्रतिशत अनुदान का प्राविधान है। उन्होंने बताया कि पंजीकृत फर्मो द्वारा लघु व सीमान्त कृषकों को लागत का 10 प्रतिशत तथा अन्य कृषकों को 20 प्रतिशत कृषक अंश जमा कराने के बाद ड्रिप व स्पिं्रकलर सिस्टम की स्थापना करायी जाती है। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि ड्रिप या स्प्रिंकलर की स्थापना से फसल में श्रम, पानी की बचत व उत्पादन में वृद्वि होती है।

जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत जनपद में नवीन उद्यान रोपण कार्यक्रम संचालित है, जिसमें लीची, कटहल, जामुन, करौदा, स्ट्रॉबेरी, ड्रैगनफ्रूट व बेल की खेती का लक्ष्य भी जनपद को प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि मसाला क्षेत्र विस्तार अन्तर्गत प्याज का बीज, पुष्प क्षेत्र विस्तार के अन्तर्गत गैंदा के बीज मौनपालन कार्यक्रम के तहत वर्मी कम्पोस्ट यूनिट, मशीनी करण के अन्तर्गत पॉवर टिलर, ट्रैक्टर के साथ ही पाली हाउस के भी लक्ष्य प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि संरक्षित खेती कार्यक्रम प्रोजेक्ट बेस्ड कार्यक्रम है, जिस पर सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान निदेशालय से कृषक के बैंक खाते में हस्तान्तरित किया जाता है।

उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति औद्यानिक विकास योजना के तहत जनपद के इस श्रेणी के कृषकों हेतु है। उन्होंने बताया कि कद्दूवर्गीय शिमला मिर्च व टमाटर पर 75 प्रतिशत, मिर्च, प्याज, गुलाब, मौनपालन, आईपीएम, गैंदा पर 90 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है।

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